मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी करना प्रवासियों को रास नहीं आता

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बासुकीनाथ से प्रियव्रत झा की रिपोर्ट

प्रवासी मजदूरों को उनकी रूचि और कौशल के अनुरूप काम मिले इसे बात को लेकर सांसद प्रतिनिधि सह जिला परिषद सदस्य जयप्रकाश मंडल ने जिले के उपायुक्त राजेश्वरी बी से मांग की है। उन्होंने कहा कि बाहर सेआए कामगार मनरेगा योजना के अंतर्गत मिट्टी भराई जैसे काम करने के लिए संकोच महसूस करते हैं। इन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए आचार निर्माण का प्रशिक्षण एवं अन्य सुविधा प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। उनका कहना था कि बासुकिनाथ सहित पूरे जिले में व्यापक पैमाने पर आचार का बाजार फल फूल रहा है। इसका सालाना व्यापार करोड़ों में है। केवल बासुकीनाथ में सालों भर लूज आचार की व्यापार से सैकड़ों लोगों का भरण पोषण होता है। इसके अलावा दुमका जिला के विभिन्न बाजारों में लूज आचार का डिमांड बहुत ज्यादा है। इन और आचारो की आपूर्ति दूसरे प्रदेशों से की जाती है। इसकी गुणवत्ता ग्राहकों की कसौटी पर खरा नहीं करने के बावजूद भी लोग इसे करने के लिए मजबूर है। अगर प्रवासी मजदूरों को अचार बनाने का प्रशिक्षण देकर ब्रांडिंग किया जाए तो ना केवल प्रवासियों को ही बल्कि अन्य लोगों को भी इस रोजगार से जोड़ा जा सकता है। किसानों का एक बहुत बड़ा वर्ग जिनके कृषि उत्पादन आम कटहल करेला गाजर मिर्ची आदि को उत्पादन का लागत मूल्य नहीं मिल पाने के कारण कौड़ियों के भाव बेचना पड़ता है। इस दिशा में जिला प्रशासन की सक्रिय पहल किसानों की जिंदगी को बेहतर बनाने के साथ उपभोक्ताओं को शुद्ध एवं स्वास्थ्यकर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने में मददगार बन सकता है।

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