मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वाले होटलों एवं मिलावटी मिठाईयों की जांच हेतू सिविल सर्जन, धनबाद को समाजसेवी कुमार मधुरेंद्र सिंह ने पत्र लिखा
मनीष रंजन की रिपोर्ट
धनबाद जैसे औद्योगिक नगरी जिसकी शहरी आबादी पंद्रह लाख के आसपास है तथा जिले की आबादी तीस लाख के करीब है। खाद्य पदार्थों की शुद्धता की जांच नहीं के बराबर होती है जिसकी वजह से होटल वाले, ठेले वाले मन मर्जी से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मसाले या अन्य खाद्य तेल, पनीर एवं खोवे का उपयोग करते हैं जो फूड प्वाइजनिंग का कारण बनते हैं। यदा कदा कभी किसी दुकान में छापामारी कर खाना पूर्ति करते हैं। सैंपल इकट्ठा कर रांची प्रयोगशाला में भेजा जाता है। ऐसे में लंबी प्रक्रिया में फिर वह धरा का धरा रह जाता है। कोई कार्रवाई नहीं होती है। कार्रवाई नहीं होने के कारण होटल वाले धड़ल्ले से हानिकारक मसाले का उपयोग करते हैं। इसी महीने धनबाद के प्रतिष्ठित मिठाई दुकान में भी ऐसी ही खराब मिठाई दी गई थी जिसके बाद हो हंगामा हुआ। अखबार में प्रकाशित होने के बावजूद कुछ नहीं हुआ। खबर प्रकाशित होने के बावजूद एवं त्योहारी सप्ताह में भी मिलावट वाली मिठाईयों की जांच नहीं हो रही है।
इन्ही सब पर कार्रवाई करने के उद्देश्य से धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने धनबाद जिले के सिविल सर्जन जिनके पास खाद्य पदार्थ बेचने की जांच तथा लाइसेंस देने एवं रद्द करने की जिम्मेवारी है को पत्र लिखकर धनबाद में मिठाई दुकानों, सड़क अतिक्रमण कर होटल चलाने वाले एवं ठेलों के मसाले की गुणवत्ता की जांच कर कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखकर ईमेल किया है जिसमें धनबाद के बरटांड,बेकारबांध और अन्य इलाकों के होटल एवं फूड स्टॉल के खाद्य पदार्थ की जांच करने की मांग की है। उन्होंने इसके पहले भी इस विषय को लेकर पत्राचार किया था तब उस समय संबंधित विभाग के तरफ से चलंत जांच वैन चलाने की बात आयी थी जो अब तक नहीं हुआ है। उन्होंने एक बार फिर फूड सेफ्टी ऑफिसर के मातहत में जांच वैन चलाने की मांग फिर से की है। जांच वैन होने से शहरी क्षेत्र के अलावे ग्रामीण क्षेत्र में भी खाद्य पदार्थ एवं होटल चलाने वाले, मिठाई बेचने वाले की खाद्य सामग्री की जांच संभव हो सकेगी। ऐसे में स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर सरकार की कार्रवाई का डर रहेगा।
उन्होंने पत्र की प्रति अपर मुख्य सचिव,स्वास्थ्य विभाग झारखंड सरकार, उपायुक्त, धनबाद, नगर आयुक्त, धनबाद, सदर अनुमंडल दंडाधिकारी,धनबाद तथा एडीएम (सप्लाई), धनबाद को तत्काल ध्यान देकर कार्रवाई करने की मांग की है।