मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में नीति आयोग के साथ उच्च स्तरीय हुई बैठकराज्य के विकास से जुड़े विषयों पर विस्तार से हुआ विचार विमर्श
==================== राज्य की समस्याओं और जरूरतों को देखते हुए उसी के हिसाब से नीति और कार्य योजना तैयार करने पर मुख्यमंत्री ने दिया जोर ==================== कोयला, ऊर्जा, रेलवे राजस्व, जल संसाधन, खनिज, ग्रामीण विकास, सिविल एविएशन, जनजातीय मामले, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े विषयों पर विशेष हुई चर्चा ==================== ●केंद्र और राज्य के बीच बेहतर समन्वय से विकास को गति और नई दिशा मिलेगी ●अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की बेहतरी के लिए अलग से पॉलिसी बने ——मुख्यमंत्री, श्री हेमन्त सोरेन========================= मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में राज्य के विकास से संबंधित विषयों पर नीति आयोग की टीम के साथ उच्च स्तरीय बैठक में विस्तार से चर्चा हुई । मुख्यमंत्री ने कहा कि संघीय ढांचा होने के नाते केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय से विकास की गति को तेज करने के साथ नई दिशा दी जा सकती है । वहीं, इससे जुड़ी योजनाओं और नीतियों के निर्माण और निर्धारण में नीति आयोग की अहम भूमिका है । आज नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल के नेतृत्व में 8 सदस्यीय टीम तथा वर्चुअल माध्यम से जुड़े केंद्र सरकार के वरीय पदाधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों से जुड़े मसलों पर सकारात्मक विचार विमर्श हुआ । यह तो शुरुआत है और आगे भी ऐसी कई बैठकें होंगी । इससे विकास के क्षेत्र में जो अड़चनें गतिरोध अथवा बाधाएं आ रही हैं , उसका निश्चित तौर पर समाधान निकलेगा । राज्य के पास सीमित संसाधन और चुनौतियां कई हैं मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पास सीमित संसाधन है लेकिन चुनौतियां कई हैं । ऐसे में राज्य सरकार की जरूरतों को देखते हुए केंद्र सरकार को सहयोग करने की जरूरत है ताकि इन चुनौतियों से निपटा जा सके उन्होंने कहा कि राज्य की समस्याओं को समझते हुए उसी के हिसाब से नीति और कार्य योजना बनाई जाए ताकि विकास को गति और नई दिशा मिल सके खनिजों से संबंधित प्रोजेक्ट्स को राज्य में स्थापित करने की जरूरत मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड एक ऐसा राज्य है जो खनिजों के मामले में काफी धनी है । यहां विभिन्न प्रकार के खनिज बहुतायत में हैं । यहां से यह खनिज दूसरे राज्यों और विदेशों में भेजा जाता है , जहां उसकी प्रोसेसिंग की जाती है । मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर खनिज यहां है तो उससे आधारित प्रोजेक्ट को भी यही स्थापित किया जाना चाहिए । इससे राज्य के विकास के साथ यहां के लोगों का सर्वांगीण विकास संभव होगा । उन्होंने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं ।खनन क्षेत्रों का सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक सर्वेक्षण हो मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के खनन क्षेत्रों में कई तरह की समस्याएं है ।यहां रहने वाले लोग तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं । इलाके में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है । ऐसे में इन इलाकों पर विशेष फोकस किया जाना चाहिए ।उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्रों का सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक सर्वे समय-समय पर किया जाना चाहिए । इस सर्वे से पता चल सकेगा कि यहां रहने वाले लोगों के जीवन में क्या बदलाव आ रहा है । उन्हें सरकार की योजनाओं का सही से लाभ मिल रहा है या इसमें किसी प्रकार की दिक्कतें आ रही हैं ताकि उसका निदान हो सके । अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को सपोर्ट मिले मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति बाहुल्य राज्य है ।लेकिन, वे काफी पिछड़े हुए हैं ।अनुसूचित जाति और जनजातियों को आगे बढ़ने का मौका मिले , इसके लिए उन्हें केंद्र से भी पूरा सपोर्ट दिया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जातियों के लिए अलग से पॉलिसी बनाई जाए , ताकि उनके विकास से जुड़ी कार्ययोजना बेहतर तरीके से क्रियान्वित हो सके । उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में खनिजों और उद्योगों के लिए भूमि का जो अधिग्रहण हो रहा है , उससे सबसे ज्यादा किसान प्रभावित हो रहे हैं । वे किसान की बजाय खेतिहर मजदूर हो गए हैं । ऐसे किसानों को भी सपोर्ट देने की दिशा में ठोस पहल होनी चाहिए । जल संचयन को बढ़ावा मिले जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना होगा । मुख्यमंत्री ने कहा कि वाटर रिजर्वायर को लेकर हमें गंभीरता से काम करने की जरूरत है । इसमें केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर ठोस पहल करनी होगी , ताकि जल संचयन को बढ़ावा मिल सके । मुख्यमंत्री ने पलामू पाइपलाइन इरिगेशन प्रोग्राम को लेकर भी अपने सुझाव दिए । वहीं, राज्य में एनएचएआई द्वारा बनाए जा रहे राष्ट्रीय राजमार्गों में गुणवत्ता की कमी होने पर नाराजगी जताई और कहा कि सड़कों के बनाने में क्वालिटी का पूरा ख्याल रखा जाए । मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा मजदूरी दर में भी बढ़ोतरी की जानी चाहिए । नीति आयोग ने कोरोना काल में राज्य सरकार के किए गए कार्यों की तारीफ की इस मौके पर नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पाल ने कहा कि केंद्र और राज्य के बीच बेहतर संबंध और समन्वय बनाने की दिशा में नीति आयोग एक कड़ी का काम कर रहा है । झारखंड सरकार के साथ आज की बैठक काफी अहम रही ।जिसमें विकास से संबंधित मसलों पर विचारों का आदान प्रदान हुआ ।इससे केंद्र और राज्य के बीच अगर कोई गतिरोध है तो उसके समाधान में सहूलियत होगी । उन्होंने कहा कि नीति आयोग जो भी पॉलिसी बनाती है , उसमें मंत्रालय के साथ विस्तार से विचार-विमर्श होता है । वहीं, सरकार की नीतियों और योजनाओं की मॉनिटरिंग तथा वैल्यूएशन के लिए भी कई इंस्टिट्यूट हैं ।नीति आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्यों को मजबूत बनाने के साथ नया भारत बनाना है ।इसी कड़ी में झारखंड सरकार के साथ यह उच्च स्तरीय बैठक की गई । उन्होंने कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों के लिए मुख्यमंत्री की तारीफ की । 22 विभागों के प्रस्ताव और इश्यूज पर हुई चर्चा नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि राज्य सरकार के 22 विभागों ने अपने प्रस्ताव और इश्यूज से अवगत कराया था । इन सभी पर केंद्र सरकार का भी रिस्पांस मिला है । आज की बैठक में मुख्य रूप से कोयला, ऊर्जा, रेलवे राजस्व, जल संसाधन, खनिज, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, सिविल एविएशन गृह, जनजातीय मामले, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े विषयों पर विशेष रुप से चर्चा हुई और केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों के वरीय पदाधिकारी भी इस दौरान ऑनलाइन मौजूद रहे ।इस बैठक में राज्य के वित्त मंत्री श्री रामेश्वर उरांव, नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पाल, राज्य के मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त श्री अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे के अलावा नीति आयोग के सीनियर एडवाइजर श्री नीरज सिन्हा, मिशन डायरेक्टर श्री राकेश रंजन, जॉइंट सेक्रेटरी डेवलपमेंट एंड मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन ऑफिसर श्री शैलेंद्र कुमार द्विवेदी, डिप्टी एडवाइजर डॉ त्यागराजू बी एम, प्रोफेशनल श्री सिद्धे जी शिंदे, सीनियर एसोसिएट श्री नमन अग्रवाल और विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव /प्रधान सचिव/ सचिव उपस्थित थे ।