राज्य के विभिन्न आयोगों के आयुक्त एवं सदस्यों की नियुक्ति के लिए भाजपा अध्यक्ष को पत्र, प्रति प्रधानमंत्री को
मनीष रंजन की रिपोर्ट
झारखंड प्रदेश जो एक आदिवासी बहुल प्रदेश है लेकिन यहाँ की सरकार एक जागरूक सरकार है और पिछले वर्ष से कोरोना संक्रमण से जूझते हुए अच्छा कार्य भी कर रही है। लेकिन आमजन की समस्याओं को उचित जगह पर ले जाकर उन्हें समाधान कराने को लेकर परेशान हैं। राज्य के सभी आयोग के पद खाली हैं। राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय आयुक्त तथा सदस्यों के लगभग सभी पद खाली हैं। ऐसे में सरकार के विरुद्ध होने वाली समस्याओं को उचित आधार नहीँ मिल रहा है। बाल संरक्षण आयोग, सतर्कता आयोग सहित लगभग सभी आयोग के पद खाली हैं। राज्य में भारतीय जनता पार्टी मुख्य विपक्षी दल है लेकिन चुनाव आयोग की पेचीदगियों की वजह से अभी भी मुख्य विरोधी दल के नेता को मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में राज्य में बहुत तरह की आवश्यक विकास को गति नहीं मिल रही है। तत्काल सभी आयोग के आयुक्त एवं सदस्यों की नियुक्ति की जरूरत है।
आज देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे पी नड्डा जी का ध्यान आकृष्ट करते हुए धनबाद के सामाजिक कार्यकर्ता एवं केन्द्रीय उपाध्यक्ष मानव अधिकार अपराध एवं भ्रष्टाचार विरोधी एवं भारतीय नमो संघ के सदस्य कुमार मधुरेन्द सिंह ने पत्र लिखकर ईमेल किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि यहाँ आपकी पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी है और विपक्षी पार्टी के नेता के चुनाव को जल्द से जल्द मान्यता दिलाने की पहल करें और अगर उन्हें झारखंड विधान सभा मंजूर नहीं करती है तो किन्हीं अन्य को नेता प्रतिपक्ष के रूप में लायें और आम जनमानस की समस्याओं को जो जिला स्तरीय स्तर से लेकर राज्य स्तरीय आयुक्त तक पहुंचाने में आ रही बाधा को दूर करने के लिए आवश्यक पहल करें। ऐसे में सरकार के कार्यों की गुणवत्ता भी लोगों को नजर आयेगी और सरकार सशक्त विपक्ष के रहने से पारदर्शिता लाने की भी कोशिश करेगी।
उन्होंने इसकी प्रति माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं मुख्य सचिव, झारखंड को भी दी है।