राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा लैपटॉप उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश
मनीष रंजन की रिपोर्ट
कोरोना संक्रमण काल से गुजर रहे झारखंड प्रदेश में सभी गतिविधियों के ठप होने की वजह से सभी वर्गों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। मध्यम वर्ग के लोगों के लिए तो अपनी रोजमर्रा की जरूरत को पूरी करने में जद्दोजेहद करना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण काल से गुजर रहे पूरे देश में सभी तरह के शिक्षण संस्थानें बंद हैं। बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है। मध्यम एवं गरीब वर्ग के अभिभावकों को बच्चों को लैपटॉप उपलब्ध कराना आर्थिक रूप से एक बहुत बड़ी समस्या है।
ऐसे में धनबाद के सामाजिक कार्यकर्ता,अभिभावक एवं झारखंड अभिभावक संघ के उपाध्यक्ष कुमार मधुरेन्द सिंह ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ईमेल किया था जिसमें उन्होंने अपने तरफ से पहल कर झारखंड सरकार को मध्यम एवं गरीब वर्ग के अभिभावकों को लैपटॉप उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दें।
आज मधुरेन्द सिंह ने अनन्त सोच को बताया कि प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए झारखंड के शिक्षा सचिव को तत्काल इस पर अमल करने के लिए योजना बनाने को कह है। केंद्र सरकार के इस आदेश राज्य भर के वैसे अभिभावकों को एक संजीवनी मिली है जो अपने बच्चों को ऑनलाइन पढाई के लिए लैपटॉप खरीदने में सक्षम नहीं हैं। धनबाद के सामाजिक कार्यकर्ता कुमार मधुरेन्द सिंह के सार्थक पहल की सफलता से समस्त झारखंड के अभिभावकों को एक तोहफा मिलते की उम्मीद है।