रेल मंत्रालय ने खरीद नियमों को सरल बनाने तथा व्यवसाय करने की सुगमता में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया

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भारतीय रेल की किसी भी वेंडर अनुमोदन एजेंसी द्वारा किसी मद के लिए अनुमोदित वेंडर को देश की सभी रेल इकाइयों द्वारा उस विशिष्ट मद के लिए अनुमोदित वेंडर समझा जाएगा

इस फैसले का वेंडरों पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि यह समय की बचत करेगा और विभिन्न वेंडर अनुमोदन एजेंसियों से संपर्क करने की आवश्यकता को खत्म करेगा

भारतीय रेल ने अपने सभी कार्यकलापों में पारदर्शिता, दक्षता और व्यवसाय करने की सुगमता को बढ़ाने की अपनी लगातार कोशिशों की श्रृंखला में नेटवर्क में खरीद प्रणाली को सरल बनाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भारतीय रेल की प्रचलित खरीद नियमों के अनुसार, चिन्हित सुरक्षा तथा महत्वपूर्ण मदों, जहां गुणवत्ता का सबसे अधिक महत्व होता है, की खरीद वैसे वेंडरों से की जाती है, जो उस मद के लिए उसकी वेंडर अनुमोदन एजेंसियों द्वारा अनुमोदित होता है।

हाल ही में ऐसा फैसला किया गया है कि भारतीय रेल की किसी भी वेंडर अनुमोदन एजेंसी द्वारा किसी मद के लिए अनुमोदित वेंडर को देश की सभी रेल इकाइयों द्वारा उस विशिष्ट मद के लिए अनुमोदित वेंडर समझा जाएगा।

यह फैसला न केवल समय की बचत करेगा और सभी रेल इकाइयों के टेंडरों में भाग लेने के लिए विविध वेंडर अनुमोदन एजेंसियों से संपर्क करने की आवश्यकता को उल्लेखनीय रूप से खत्म करेगा बल्कि इसे अधिक किफायती और दक्ष बनाते हुए सार्वजनिक खरीद में प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ायेगा।

यह भारत में उद्योग की विनिर्माण क्षमता के बेहतर उपयोग को बढ़ावा देगा तथा ‘मेक इन इंडिया‘ के ध्येय की सहायता करेगा।

पहले एक प्रतिष्ठान में अनुमोदित वेंडर को दूसरे प्रतिष्ठान में खरीद के लिए स्वाभाविक रूप से पात्र नहीं समझा जाता था और उन्हें विचार किए जाने के लिए विभिन्न प्रतिष्ठानों के समक्ष अनुमोदन हेतु आवेदन करना पड़ता था। अब रेलवे के पास भी पारदर्शी तरीके से चुनाव करने के लिए अधिक विकल्प मौजूद होंगे।

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