वर्षों से छाती पर कलश स्थापित कर मां की पूजा करते हैं विनय

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गोडडा कार्यालय

शारदीय नवरात्र के मौके पर मां दुर्गा के प्रति आस्था का एक अदभुत नजारा आज पथरगामा के माॅ योगिनी शक्तपीठ में देखने को मिला।पथरगामा प्रखंड के सोनारचक निवासी विनय कुमार भगत पे पिछले चार वर्षों से छाती पर कलश स्थापित कर भक्ति का एक उदाहरण पेश किया है हालांकि भगत के लिये कोई यह पहला मौका नहीं है। बताते हैं कि उनकी कठीन तपस्या का यह चैथा साल है जहाॅ नवरात्रि की पहली पूजा से लेकर नवमी तिथि तक अपने सीने पर कलश स्थापित कर मां दुर्गे की आराधना करते हैं।मौके पर भक्त विनय की पत्नी सविता देवी ने बताया कि उनके पति ने वर्ष 2017 से वर्ष 2018 तक बड़ी दुर्गा मंदिर पथरगामा में मंदिर के बरामदे पर अपनी छाती पर कलश रखकर मां भगवती की पूजा किये जाने के बाद तीसरे वर्ष में पूजा कमिटी द्वारा मंदिर परिसर के अंदर छाती पर कलश रखकर पूजा अर्चना करने की अनुमति नहीं दिये जाने के बाद मां योगिनी मंदिर के प्रधान पुजारी आशुतोष बाबा से अनुमति पर वर्ष 2019 से अब तक मां योगिनी मंदिर बारकोप के बरामदे में विधिवत पूजा अर्चना कर छाती पर कलश स्थापित कर माॅ दूर्गा की पूजा अर्चन किया। बताया कि एक पूजा के दौरान तुलसी एवं दुब की रस एक चम्मच में थोड़ा शहद मिलाकर दिया जाता है तथा प्यास महसूस होने पर एक चम्मच गंगाजल भी दिया जाता है वहीं उनकी पुत्री के द्वारा मोबाइल से संपूर्ण दुर्गा पाठ डाउनलोड कर उन्हें सुनाया जाता है । फिलहाल माॅ योगिनी के मंदिर में चल रहे नवरात्रा के बीच भगत द्वारा सीने पर कलश रखकर पूजा किये जाने की चर्चा चहूुॅओर है लेकिन कोरोना वायरस और प्रशासनिक लगाम के कारण इस बार पूजा की रौनक कुछ हद तक फीकी है।

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