वाणिज्य मंत्री के ऑनलाइन व्यापार से त्रस्त आम व्यवसायी को राहत देने के आश्वासन से लोगों को उम्मीद

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

ऑनलाइन मार्केटिंग आज ऑफलाइन व्यवसायियों के लिए एक चुनौती ही नहीं बना है बल्कि छोटे व्यवसायियों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है। अगर इस ऑनलाइन व्यवसाय को एक सीमित दायरे में मार्केट के हिसाब से मूल्यों को नियंत्रित कर व्यवसाय करने को कहा जाए तो खुदरा व्यवसायियों को बहुत ज्यादा परेशानी नहीं होगी। इस बात के संकेत मंगलवार को राज्य सभा में वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने दी। उन्होंने इस बात की पुष्टि एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर दी। ऑनलाइन व्यापार करने वाली कंपनियों के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए हैं एवं अभी भी विभिन्न व्यवसायिक संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यह सही है कि घर बैठे सामानों को मंगाने का प्रचलन पिछले वर्ष के लाॅकडाउन पीरियड से बढ गया है लेकिन उसके पहले भी युवा पीढियों का झुकाव उस ओर बढ रहा था लेकिन इसके बढने से आम छोटे व्यवसायी अपने धंधे में लगातार घाटे की वजह से सुसाइड तक करने की नौबत आन चली है। सरकार के तरफ से पहल करने के आश्वासन से छोटे व्यवसाय करने वालों को थोडी आशा जगी है।
झारखंड की आर्थिक राजधानी एवं देश की कोयला राजधानी कहे जाने वाले धनबाद के भी व्यवसायिक संगठनों ने ऑनलाइन व्यापार के विरोध में आवाज उठाया है। बैंक मोड चैंबर के पूर्व अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी व्यवसाय प्रकोष्ठ के पूर्व सदस्य श्री सुरेंद्र अरोड़ा हमेशा मुखर रहे हैं। अभी कुछ दिन पूर्व उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल जी को पत्र लिखकर ऑनलाइन व्यापार से होने वाले नुकसान की बातों को रखा था। वे लगातार इस मुद्दे को लेकर पिछले कई सालों में क्रमबद्ध आंदोलन भी किया है। उन्होंने राज्य सभा में सरकार के तरफ से बातों को आने वाले समय में कुछ सकारात्मक निर्णय लेने के आश्वासन को स्वागत योग्य कदम बताया है। सरकार के तरफ से ऑनलाइन व्यापार को एक संगठनात्मक तरीके से आम व्यापारियों के समकक्ष रखकर व्यवसायियों को नयी जिंदगी देने से व्यवसायिक जगत के लिए अनुकूल साबित होगा।

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