विज्ञान और फिल्मों को एक साथ लाने की जरूरत

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सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा फिल्मों, टेलीविजन कार्यक्रमों और अन्य संचार गतिविधियों के माध्यम से विज्ञान को आम लोगों तक पहुँचाने जाने के प्रयासों को सराहा है।

भारत के 6वें अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के प्रमुख घटक के रूप में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव के समापन सत्र को संबोधित करते हुए अमिताभ बच्चन ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक अहम भूमिका रही है। उन्होंने आम लोगों तक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित ज्ञान एवं सूचनाओं को पहुँचाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। इस संदर्भ में, उन्होंने भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव के आयोजन को सराहनीय बताया है।

इस विज्ञान महोत्सव का समन्वयन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार द्वारा किया गया है। इस आयोजन का उद्देश्य फिल्मों, टेलीविजन कार्यक्रमों एवं अन्य संचार माध्यमों के जरिये विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के प्रयासों की सराहना कर उन्हें प्रोत्साहित करना है।  

ऑनलाइन रूप से आयोजित इस फिल्म समारोह के मुख्य अतिथि, फिल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और मशहूर फिल्मकार शेखर कपूर ने कहा है कि वैज्ञानिकों एवं फिल्मकारों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक खोज के लिए जिज्ञासा और साहस की भावना की आवश्यकता होती है, और अच्छे फिल्मकार विज्ञान व वैज्ञानिकों पर प्रेरक फिल्मों का निर्माण करके युवा पीढ़ी के बीच इस गुणवत्ता को विकसित करने में मदद कर सकते हैं।

पर्यावरणविद एवं जाने-माने फिल्मकार माइक पांडेय ने विज्ञान से संबंधित विषयों पर वृत्तचित्र और अन्य फिल्मों को एक सशक्त माध्यम बताया और कहा कि इसकी क्षमता बढ़ाने और मजबूती प्रदान करने के लिए यथेष्ट बजट तथा अन्य सहायता उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।

विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ नकुल पाराशर ने इस अवसर पर घोषणा करते हुए बताया कि फिल्म निर्माताओं और विशेषज्ञों की एक विशेष स्थायी समिति जल्द ही नियमित विचार-विमर्श के लिए स्थापित की जाएगी, जो विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए फिल्मों की क्षमता के प्रभावी उपयोग पर अपने सुझाव और परामर्श देगी।

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