विश्व पर्यावरण दिवस के अबसर पर आर्ट ऑफ लिविंग का कई कार्यक्रम
धनबाद : आजादी का अमृत महोत्सव ” के अन्तर्गत ,आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान ७५ नदियों का पुनरुद्धार,७५ लाख वृक्षों का रोपण, सुदूर गांवों के ७५ स्कूलों में सौर ऊर्जा यंत्र लगाना,७५ कौशल विकास केंद्रों की स्थापना और जेलों में ७५ डिजिटल साक्षरता केंद्रों की स्थापना करेगा । एक प्रेस विग्यप्ति जारी कर संस्था के झारखंड मीडिया प्रभारी अजय मुखर्जी ने यह जानकारी दी।विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर,आर्ट ऑफ लिविंग ने ” आजादी का अमृत महोत्सव ” के अन्तर्गतकुछ मुख्य अभियानों की घोषणा की,जो एक सतत,शांतिपूर्ण, मजबूत और हरे भरे भारत के निर्माण में लंबे समय तक चलेंगे।नदी पुनरुद्धार प्रोजेक्ट के अन्तर्गत ,भारत के ५ राज्यों में ४१,००० से अधिक पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण और ६५६९४४ वृक्ष लगाकर ,४९ से अधिक नदियों का पुनरुद्धार किया गया।आर्ट ऑफ लिविंग के स्वयं सेवकों ने विश्व भर में ८.१ करोड़ वृक्ष लगाए।आर्ट ऑफ लिविंग ने ५२ कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की और २२ कौशल विकास केन्द्र जेलों में लगाए।आर्ट ऑफ लिविंग ने १४५ स्कूलों में सौर ऊर्जा यंत्रों की स्थापना की ,जिनमें से २० स्कूल सुदूर गांवों में थे।इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए ” आजादी का अमृत महोत्सव ” में ,आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान ७५ नदियों का पुनरुद्धार करेगा,७५ लाख वृक्ष लगाए जाएंगे,७५ कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की जाएगी,जेलों में ७५ डिजिटल साक्षरता केंद्र खोले जाएंगे और सीमा पर मौजूद गांवों में ७५ स्कूलों में सौर ऊर्जा यंत्र लगाए जाएंगे।इस अवसर पर,गुरुदेव श्री श्री रविशंकर,वैश्विक मानवतावादी एवम् आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक,ने कहा,” इस पर्यावरण दिवस पर ” आजादी का अमृत महोत्सव ” मनाते हुए,आइए हम सब मिलकर जल,वायु और धरती को शुद्ध करने का संकल्प करें।जल की प्रत्येक बूंद को बचाएं।हमारे संस्थान ने ७५ नदियों का पुनरुद्धार करने की जिम्मेदारी ली है।हमें सौर और वायु ऊर्जा का समर्थन करने और लोगों को इसका प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है।”आर्ट ऑफ लिविंग की सोशल प्रोजेक्ट टीम ,सामाजिक,आर्थिक और पर्यावरण संबंधी चुनौतियों का समग्र समाधान करने के प्रति कार्यरत है,जिसका सामना आज देश कर रहा है।स्थानीय समुदायों के साथ साझेदारी करके और कॉर्पोरेशन,सरकारों,गैर सरकारी संस्थाओं ,विकास एजेंसियों और संस्थानों के सहयोग से यह कार्य किया जा रहा है।श्री प्रसन्ना प्रभु,चेयरमैन,व्यक्ति विकास केंद्र इंडिया( आर्ट ऑफ लिविंग ) ,ने कहा,” आर्ट ऑफ लिविंग पिछले ४० वर्षों से संकटपूर्ण क्षेत्रों में सतत विकास के कार्य कर रहा है और प्रत्येक व्यक्ति इसके परिणामों को देख रहा है।हम केवल नदियों का पुनरुद्धार और जल स्तर में वृद्धि के लिए ही काम नहीं कर रहे हैं ,बल्कि स्थानीय समुदायों का निर्माण एवम् सशक्तिकरण भी कर रहे हैं।हमारे नदी पुनरुद्धार प्रोजेक्टों से १२,००० गांवों के ३.४५ करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं।