श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के उपलक्ष्य में आयोजित माह पर्यंत सांस्कृतिक आयोजनों में लोकविधा कलाकार समागम” लोकरंग” का दूसरा दिन

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अस्सी घाट एवं आसपास के घाटों पर देश के विभिन्न प्रांतों के लोक नृत्य का रंगारंग प्रदर्शन किया गया। गुरुवार को कार्यक्रम दो सत्रों में संपन्न हुआ।

सुबह के सत्र में पूर्वान्ह  11:00 बजे से अपरान्ह 2:00 बजे तक गुजरात की पारम्परिक मडियारा, पश्चिम बंगाल का बाउल गान, हिमाचल प्रदेश का लुड्डी नृत्य, असम का भोरताल नृत्य,केरल चेण्डा, तमिलनाडु का करंगम आदि तथा अपरान्ह 3:00 बजे से 9:00 बजे तक प्रदर्शन हुआ।

त्रिपुरा – बीज़ू नृत्य

मणिपुर- लाई हरोबा

गोवा – समई

पांडिचेरी – कालियाट्टम

मध्य प्रदेश – बधाई

बिहार – शिव जागरण

राजस्थान – कालबेलिया

आंध्र प्रदेश – वीरनाट्यम

मध्यप्रदेश – राई

राजस्थान – चेरी

छत्तीसगढ़ – पन्थी

कश्मीर – रउफ

कर्नाटका – महिला वीरागसे

महाराष्ट्र – लावणी

मथुरा – चरकुला

पश्चिम बंगाल – हरे कृष्ण वाद्य कला

पंजाब – भांगड़ा

आदि प्रस्तुतियां हुई ।

उक्त आयोजन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सभी क्षेत्रीय केंद्रों के सहयोग से संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश एवं जिला प्रशासन वाराणसी के सहयोग से संपन्न कराया जा रहा है। संपूर्ण कार्यक्रम का संयोजन उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. लवकुश द्विवेदी एवं क्षेत्रीय सांस्कृतिक अधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र यादव के द्वारा कराया गया काशी की जनता ने लोकरंग का खूब आनंद उठाया ।

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