सड़क निर्माण को हरी झंडी देने के पहले सभी विभागों में आपसी सामंजस्य के लिए विधेयक के लिए प्रधानमंत्री को पत्र
मनीष रंजन की रिपोर्ट
देश के प्रधानमंत्री जहां देश को विश्व के मानचित्र पर एक विकसित देश बनाना चाहते हैं, झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन भी झारखंड को एक विकसित राज्य बनाने के लिए कृत संकल्पित हैं। देश को विकसित या राज्य को विकसित बनाने के लिए संसद भवन और विधानसभा दोनों में सभी सांसदों एवं विधायकों को एक ऐसे विधेयक को लाने की जरूरत है जिसमें सभी विभागों के मंत्रियो के बीच आपसी सामंजस्य बनाकर ही किसी भी कार्य को मूर्त रूप देने की जरूरत हो। बड़े-बड़े कार्य जो जनता के लिए होते हैं जैसे सड़कों को बनाना, पाइप लाइन बिछाना आदि के विभागों के अधिकारियों के लिए एक दिशा निर्देश दी जानी चाहिए जिसमें उस सड़क से गुजरने वाली जो भी चीजें हैं चाहे बिजली की तारें हो पानी की पाइप लाइन हो को एक साथ प्लानिंग करके मूर्त रूप देने की जरूरत है। अभी जो नियम है वह है कि सडकें बना दी जाती है और उसके बाद पानी की पाइप लाइन, बिजली की पाइप लाइन, दूरसंचार विभाग की तारों को बिछाने के लिए सड़कों को खोद दिया जाता है। ऐसे में खुदाई की गई जगह में फिर से वह मजबूती नहीं आ पाती जो पहली बार बनाने के बाद आती है। ऐसे में सड़क टूट जाती है। आज इसी विषय को लेकर के धनबाद के सामाजिक कार्यकर्ता एवं केन्द्रीय उपाध्यक्ष मानव अधिकार अपराध एवं भ्रष्टाचार विरोधी संगठन के कुमार मधुरेन्द सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ईमेल किया है जिसमें उन्होंने किसी भी सरकारी काम को करने के पहले सारे विभागों में सामंजस्य बनाकर कार्य करने की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री जी से देश के सांसदों से भी इस तरह के कानून को मूर्त रूप देने के लिए सदन में उक्त बातों को रख कर सदन में विधेयक लाकर कानून बनाने की जरूरत है। इस पत्र की प्रतिलिपि झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन सहित प्रधान सचिव, नगर विकास विभाग एवं सचिव, पथ निर्माण विभाग को भी दी है। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री से आग्रह किया है झारखंड विधान सभा में भी आपसी सामंजस्य बनाने वाले विभागों को एक साथ कार्य करने के लिए विधेयक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया जाए।