सदर अस्पताल, धनबाद में एनेस्थिसिया की दवा उचित मानक का नहीं होने को लेकर कुमार मधुरेन्द्र सिंह ने सिविल सर्जन को पत्र लिखा, प्रति अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग को

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मनीष रंजन की रिपोर्ट 

धनबाद: धनबाद जैसे औद्योगिक शहर में आमजनों के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल एसएनएमएमसीएच को जहां अपग्रेड कर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया जा रहा है वहीं शहर के सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा लगातार गिरती जा रही है। कभी डॉक्टर की उपस्थिति नहीं होना तो स्वास्थ्य उपकरणों का काम नहीं करने से लेकर गंदगी व्याप्त रहने की वजह से सुर्खियों में रहता है। वहां की व्यवस्था पर झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डाॅ इरफान अंसारी ने भी सिविल सर्जन एवं सदर अस्पताल के नोडल पदाधिकारी को चेतावनी भी दी थी लेकिन वहां की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। 

आज फिर सदर अस्पताल, धनबाद सुर्खियों में आया जब वहां के एनेस्थेसिस्ट ने सदर अस्पताल में सप्लाई की जाने वाली बेहोशी की दवा की गुणवत्ता की बात आई। डॉक्टर बता रहे हैं कि एनेस्थिसिया की दवा का डोज डबल करना पड़ रहा है तब जाकर सर्जरी की जा रही है। इस तरह से इलाज करने पर किसी की जान भी जा सकती है। पदस्थापित डॉक्टरों के द्वारा एनेस्थिसिया की दवा की शिकायत करने पर इस बात को सिविल सर्जन ने भी माना है। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी डॉक्टर ने लिखित रूप में इस बात को नहीं कही है।

आज इसी विषय को लेकर धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने धनबाद के सिविल सर्जन को पत्र लिखकर ईमेल किया है। उन्होंने इस तरह की दवा को ड्रग इंस्पेक्टर के द्वारा बगैर जांच किये दवा की खरीदारी पर सवाल उठाया है। दवा की गुणवत्ता को बगैर जांच किए दवा का क्रय कैसे किया गया इस पर संबंधित डॉक्टर और कर्मचारी को लेकर जांच होनी चाहिए तथा लापरवाही के लिए उन्हे शो काॅज करना चाहिए। उन्होंने सिविल सर्जन कार्यालय और सदर अस्पताल के बीच आपसी सामंजस्य स्थापित नहीं रहने का भी जिक्र किया है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों सदर अस्पताल धनबाद के नोडल पदाधिकारी डॉ राजकुमार सिंह ने इस्तीफा दे दिया था जिसे नामंजूर करते हुए उन्हे अस्पताल के नोडल पदाधिकारी के रूप में ही कार्य करने का मौखिक आदेश दिया गया जिसके बाद डाॅ राजकुमार सिंह ने सदर अस्पताल के नोडल पदाधिकारी के रूप में कार्य करना आरंभ किया। उन्होंने रोगी कल्याण समिति का जल्द से जल्द गठन करने की भी मांग की है ताकि तत्काल रोगियों को स्वास्थ्य सुविधा बगैर दिक्कत के मिल सके।

कुमार मधुरेंद्र सिंह ने पत्र की प्रति अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग, झारखंड सरकार, क्षेत्रीय स्वास्थ्य निदेशक एवं उपायुक्त, धनबाद को भी दी है ताकि इस पर तत्काल संज्ञान लिया जा सके।

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