समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षात्मक बैठक में उपायुक्त ने ली बीईईओ की क्लास
जनवरी 2021 के प्रथम सप्ताह में लेंगे सामान्य परीक्षा
उपायुक्त श्री उमा शंकर सिंह ने आज समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षात्मक बैठक में विभिन्न प्रखंडों से आए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) की जमकर क्लास ली। साथ ही उपायुक्त ने जनवरी 2021 के प्रथम सप्ताह में सभी बीईईओ के सामान्य शिक्षा संबंधी ज्ञान पर आधारित परीक्षा लेने का निर्देश दिया।
दरअसल समीक्षा के दौरान उपायुक्त नेट एनरोलमेंट रेश्यो (एनईआर) तथा विद्यालयों में ड्रॉप आउट की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान पूर्वी टुंडी का परफॉर्मेंस सर्वाधिक खराब मिला। यहां कक्षा 1 से 5 तक का ड्रॉप आउट 5.10%, कक्षा 6 से 8 11.62% एवं कक्षा 1 से 8 तक का ड्रॉपआउट प्रतिशत 7.33 था। जब उपायुक्त ने पूर्वी टुंडी के बीईईओ से इस संबंध में कुछ सामान्य सवाल पूछे तो वे बगले झांकने लगे। उपायुक्त ने कहा कि यह घोर शर्मनाक है कि एक बीईईओ आंकड़ों का विश्लेषण नहीं कर सकते।
उनके रवैए से उपायुक्त ने कड़ी नाराजगी प्रकट की। उपायुक्त ने उनसे अनुभव के बारे में पूछा तो बीईईओ ने बताया कि वह पहले असिस्टेंट टीचर थे। उसके बाद हेड मास्टर बने। हेड मास्टर से लेक्चरर और अभी पूर्वी टुंडी में बीईईओ है। साथ ही बताया कि प्रति माह उन्हें 80000 रुपए वेतन प्राप्त होता है। इस पर उपायुक्त ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब इनको ड्रॉपआउट का पता नहीं है। 10 साल की नौकरी के बाद भी इतनी निम्न स्तर की लीडरशिप है तो छात्रों का भविष्य का क्या होगा।
उपायुक्त ने तत्काल निर्देश दिया कि जनवरी 2021 के प्रथम सप्ताह में सभी बीईईओ एवं बीपीओ की एक सामान्य परीक्षा अपनी निगरानी में लेंगे। जिसमें झारखंड में शिक्षा से संबंधित सामान्य सवालों का जवाब उनसे लिखित परीक्षा में लिया जाएगा। परीक्षा का रिपोर्ट कार्ड वे सीधे सरकार को भेजेंगे। खराब प्रदर्शन करने वालों के रिपोर्ट कार्ड में टिप्पणी करेंगे कि इस पद पर बैठे अधिकारी को सामान्य वस्तु का भी ज्ञान नहीं है, ऐसे में शिक्षा में कैसे सुधार होगा।
उन्होंने कहा प्रखंड को ठीक करने के लिए हर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के पास एक विजन होना चाहिए। कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। लीडरशिप अच्छी होगी तो राज्य और देश का भविष्य उज्जवल बनेगा।
समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त ने ड्रॉपआउट की संख्या कम करने, नेट एनरोलमेंट रेश्यो को बढ़ाने, ड्रॉपआउट की संख्या को कम करने के लिए छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। हर क्लास के शिक्षकों को छात्रों के घर वालों का फोन नंबर रखने तथा छात्र जब स्कूल नहीं आए तो उनके घर पर फोन कर सूचित करने का निर्देश दिया।
उपायुक्त ने डीजे-साथ, लर्नाइटिक एप, सभी स्कूल को पुष्टिकरण फॉर्म भरने, शिक्षक संवाद, आदर्श विद्यालय, इंफ्रासक्चर की गैप एनालिसिस, विद्यालयों में दक्ष एवं योग्य प्राचार्य प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया।
उपायुक्त ने 252 लीडर स्कूल के लिए विजन प्लान बनाने, हर बुनियादी वस्तु की समीक्षा करने, अच्छे शिक्षकों का चयन करने का निर्देश दिया।
बैठक में उपायुक्त श्री उमा शंकर सिंह, जिला शिक्षा अधीक्षक श्री इंद्र भूषण सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती प्रबला खेस, एडीपीओ श्री विजय कुमार, सभी एपीओ व अन्य लोग उपस्थित थे।