समाहरणालय सभागार में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया, बीएलओ एवं बीएलओ पर्यवेक्षक हुए सम्मानित

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

धनबाद: आज दिनांक 25-01-2025 को जिला समाहरणालय के सभागार में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त सुश्री माधवी मिश्रा ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया और मतदाताओं को निर्भीक होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करने तथा लोकतांत्रिक परंपराओं को कायम रखने की शपथ दिलाई।

उपायुक्त ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने पर जोर दिया और मतदाताओं से धर्म, जाति, वर्ग, भाषा या समुदाय से प्रभावित हुए बिना मतदान करने का आग्रह किया। पिछले 75 वर्षों में भारत की लोकतांत्रिक यात्रा पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने देश की चुनावी अखंडता पर गर्व व्यक्त किया।

उपायुक्त ने मतदाताओं, बीएलओ और पर्यवेक्षकों के प्रयासों की सराहना करते हुए धनबाद के 2378 मतदान केंद्रों पर चुनाव के कुशल प्रबंधन की प्रशंसा की, जिससे झारखंड राज्य को चुनावों के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन श्रेणी का पुरस्कार प्राप्त हुआ।

उपायुक्त ने युवाओं को लोकतंत्र में सक्रिय रूप से भाग लेने और अपने मताधिकार का जिम्मेदारी से उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा युवाओं से भारत की समृद्ध लोकतांत्रिक परंपरा को संरक्षित करने का आग्रह किया। विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के उत्कृष्ट बीएलओ और बीएलओ पर्यवेक्षकों को मतदाता सूची पुनरीक्षण और फॉर्म 6, 7 और 8 के सफल निष्पादन में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। बीएलओ आशा देवी, धनबाद, सुरेंद्र पासवान, झरिया, अल्पना महतो, सिंदरी, ममता देवी, बाघमारा, रिंकू दास,निरसा, संजीदा खातून, टुंडी को पुरस्कृत किया गया। साथ ही बीएलओ पर्यवेक्षक के रूप में अशोक कुमार,धनबाद, दीपक कुमार, झरिया, बबीता कुमारी,बाघमारा, संजय साह,सिंदरी, कृष्णा यादव, निरसा एवं संजय कुमार, टुंडी को सम्मानित किया गया। साथ ही पहली बार मतदान करने वाले अंकित कुमार, गौरी कुमारी एवं रेशमी कुमारी को ईपीआईसी कार्ड दिये गए। कार्यक्रम का समापन सभी नागरिकों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में योगदान देने और संविधान में निहित मूल्यों को बनाए रखने के लिए कार्रवाई करने के आह्वान के साथ हुआ।

इस विशेष कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त सादात अनवर, एडीएम लाॅ एंड आर्डर पीयूष सिन्हा, सिटी एसपी अजित कुमार, उप निर्वाचन अधिकारी कालिदास मुंडा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

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