सरकारी स्कूलों के शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए झारखंड अभिभावक महासंघ के उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष तथा झारखंड अभिभावक महासंघ के उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने राज्य के प्राथमिक, मध्य एवं उच्च विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं विधालयों के शिक्षक की गुणवत्ता को बढाने के लिए झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर कुछ सुझाव भेजें हैं। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार इन सुझावों पर अमल करती है तो झारखंड के सरकारी स्कूलों के भी शिक्षा के स्तर में सुधार आयेगा जिससे आमजन भी उस सुधार को देखते हुए अपने बच्चों के लिए भी सरकारी स्कूल में दाखिला के लिए भी सोचेंगे। उन्होंने सरकार से शिक्षकों को भी शिक्षण कार्य के लिए ही रखने के लिए सुझाव दिया है।
1. सभी स्कूलों में अध्यापक और प्रिंसिपल की कमी।
2. शिक्षकों में अपने कर्तव्य के प्रति जागरूकता।
3. प्रिंसिपल पर जिम्मेदारी दी जाए कि 95% प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण नहीं हुऐ तो तीन माह की सैलरी आधी मिलेगी।
4. सभी भवन में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित हो और बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाले सभी साधन हमेशा उपलब्ध रहे।
5. छात्राओं एवं छात्र को ज्ञान, विकास, शारीरिक एवं मानसिक विकास पर फोकस करना।
6. उपरोक्त पांचवे नंबर को अमल में लाने के लिए ब्लाॅक स्तर से जिला स्तर के अधिकारी को साप्ताहिक एक कक्षा उनके मनचाहे विषय पर लेने की बाध्यता हो।
7. शिक्षक या शिक्षिकाओं को नियमित रूप से क्लास लेना।
8. शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को चुनाव कराने के अलावा यानि निर्वाचन आयोग के कार्य के अलावा अन्य कोई भी कार्य में संलिप्त ना किया जाये।
9. किसी भी परिस्थितियों में शिक्षकों को मूल विद्यालय से बाहर शैक्षणिक कार्य के लिए भी दूसरे स्कूल या अन्य जगह में प्रतिनियोजित नहीं किया जाय।

कुमार मधुरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर उपरोक्त नौ बिंदुओं पर निशुल्क और बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 पर पुर्ण रुपेण पालन होने पर झारखंड शिक्षा विभाग देश में अग्रणी भूमिका निभाएगा। धनबाद में दर्जनों शिक्षक मूल विद्यालय से हटकर प्रतिनियोजित किये गए हैं। अन्य जिलों में भी कमोवेश यही स्थिति होगी।उन्होने कहा कि शिक्षा सचिव के पत्रांक_187 दिनांक 04-02-2022 ने इस पर रोक लगाई है। इससे मूल विद्यालय के बच्चों के शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। कुछ शिक्षक भी प्रतिनियुक्ति पर होते हैं बायोमेट्रिक मशीन से बचने के लिए उन्हें भी चिन्हित किया जाए।

उन्होंने पत्र की प्रति शिक्षा मंत्री, झारखंड सरकार,उपायुक्त,धनबाद सहित अन्य जिलों के उपायुक्त एवं विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों को भी दी है ताकि शिक्षा सुधार कार्यक्रम जल्द लाकर शिक्षण स्तर में सुधार लाया जा सके।

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