सहजन एक फायदे अनेक

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सहजन एक फायदे अनेक
डा आर लाल गुप्ता लखीसराय
बिहार में सहजन के दो प्रचलित नामों से जाना जाता है।एक सहजन दुसरा मूनगा। जबकि दो नामों के अलावे एक तरह के सहजन साल में एक बार तो दुसरा किस्म साल में दो बार फल देता है।
सहजन के बृक्ष जहां अपने उजले उजले फूलों,हरे हरे रेशमी पत्तियों से अत्यंत ही लुभावना लगता है वहीं इसके फल, पत्तियां व फूलों बेहद गुणकारी व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में अग्रसर माना जाता है।सहजन में कार्बोहाइड्रेट कैल्शियम पोटेशियम आयरन मैग्नीशियम विटामिन ए विटामिन सी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है जबकि इसके बीज में एक्सी आक्सीडेंट गुण होने के कारण यह ब्लड शुगर कंट्रोल करने में सक्षम होता है। वैज्ञानिकों को माने तो सहजन में संतरे से 7 गुना विटामिन सी एवं गाजर से 4 गुना अधिक विटामिन ए पाया जाता है जो शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देता है इतना ही नहीं सर्दी जुकाम में इसे पानी में डूबा कर पानी का भाप लेने से सर्दी जुकाम में राहत मिलता है जबकि गर्भावस्था में इसके पत्तियों को उबालकर उसका पानी पीने से कैल्शियम आयरन विटामिन सी वगैरह मिलता है जो गर्भावस्था के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है इसके अलावा सहजन में कैल्शियम रहने के कारण यह गठिया बाता में भी बेहतर काम करता एवं हड्डियों को मजबूत करता है सहजन से खून की सफाई भी होती है जिससे कोलेस्ट्रोल की मात्रा अवशोषित होता यही कारण है कि दिल के मरीज के लिए भी सहजन रामबाण से कतई कम नहीं है। उक्त तमाम गुणों के कारण सहजन का इस्तेमाल मानव जीवन के लिए अत्यंत ही लाभकारी है।

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