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मनीष रंजन की रिपोर्ट देश की सबसे बड़े निजी क्षेत्र की वित्तीय कंपनी सहारा इंडिया लोगों को बेसहारा कर के रख दी है। एक तो परिपक्वता होने के बाद भी लोगों को राशि नहीं मिल पा रही है तो दूसरी ओर उसके एजेंट को कमीशन भी नहीं मिल पा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय भी इसमें कुछ भी सहयोग नहीं कर रही है। लोगों को भूखे मरने वाली स्थिति आ गई है। इस संदर्भ में धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने इसी वर्ष आठ फरवरी को देश के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर ईमेल कर तत्काल सभी खाताधारक एवं एजेंटों के बकाया और परिपक्वता रकम को देने की गुजारिश की थी पर उस संदर्भ में अबतक कोई पहल नहीं की गई। आज एक बार फिर कुमार मधुरेंद्र सिंह ने देश की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को देश की गरीब जनता विशेष कर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ के घरों के पैसे को लेकर बैठक कर आमजन के हित में फैसला लेने की अपील की है। सहारा इंडिया के द्वारा यह भुगतान कोरोना काल के पूर्व से ही नहीं हो रहा है जिससे उससे जुड़े लोगों के सामने पैसे की किल्लत हो गई है। तथा लोगों के बच्चों की शादी तक टूट जा रही है। उन्होने इस पत्र की प्रति प्रधानमंत्री, भारत सरकार, राज्यपाल, झारखंड, मुख्यमंत्री ,झारखंड सरकार, उपायुक्त, धनबाद, श्रम अधीक्षक, धनबाद जिला तथा सहायक श्रमायुक्त, धनबाद को इस संदर्भ में अपने स्तर से प्रयास करने के लिए दी है।
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