सहारा भुगतान एप की त्रुटि दूर करने एवं सहारा कार्यालय खोलने के लिए केंद्रीय मंत्री को पत्र तथा ईमेल
मनीष रंजन की रिपोर्ट
देश की सबसे बड़ी नन बैंकिंग कंपनी सहारा इंडिया ने देश के करोड़ों लोगों को अपनी स्कीम बता कर अरबों रूपए जमा कर लिए। लोगों ने उस पर भरोसा जताया और इसी का फायदा उठाकर वह सभी निवेशकों की छोटी बड़ी रकम को लेकर बैठ गई। सहारा की बहुत सारी संपत्तियों को सरकार ने अधिग्रहण किया है। लोगों के पैसे नहीं मिलने से कितनों की जिंदगी चली गई। इस कंपनी में ज्यादातर मिडिल क्लास और गरीब तबके के लोगों के पैसे थे। देश के कई संगठनों ने भी लोगों के पैसे वापस करने की अपील की थी। कहीं सुनवाई नहीं हो रही थी। इसी बीच धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने पिछले वर्ष देश की राष्ट्रपति महोदया को पत्र लिखकर ईमेल किया था जिसमें उन्होंने सभी निवेशकों के पैसे लौटाने की अपील की थी। उस पत्र के आलोक में राष्ट्रपति कार्यालय ने सर्वोच्च न्यायालय को इस पर त्वरित संज्ञान लेने का आदेश दिया तथा जिसकी सूचना कुमार मधुरेंद्र सिंह को भी ईमेल के जरिए दी गई। वित्तीय एवं सहकारिता विभाग को इस पर विशेष ध्यान देकर निर्णय लेने का भी आदेश दिया गया ताकि आम लोगों के पैसों को जल्द से जल्द लौटाया जा सके। उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री ने एक विशेष कार्यक्रम में सहारा निवेशकों के पैसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने एक एप को भी लांच किया। लेकिन उस एप में कई खामियाँ आ रही है। लोग उस एप के माध्यम से अपनी डिटेल डाल रहें हैं लेकिन उसमें दो तीन बिंदुओं पर खामियाँ आ रही है जिसकी वजह से लोग अपनी डिटेल नहीं डाल पा रहें हैं। धनबाद के समाजसेवी कुमार मधुरेंद्र सिंह ने उन खामियों को दूर करने एवं लोगों के पास बुक अपडेट करने के लिए हर शहर में सहारा के कार्यालय खोलने की मांग पत्र लिखकर ईमेल कर की है। उन्होंने कहा है कि पिछले चार पांच सालों से लोगों के पास बुक अपडेट नहीं हुए हैं जिसकी वजह से लोगों के खाते में कितने पैसे हैं इसकी जानकारी नहीं हो पा रही है। उन्होंने श्री अमित शाह से मांग की है कि सहारा के तरफ से भी लोगों को मैसेज मिले ताकि लोगों को अपना पैसा सुरक्षित है इस बात से वो संतुष्ट रहें।
उन्होंने पत्र की प्रति देश के प्रधान मंत्री, धनबाद के उपायुक्त सहित सहारा समूह के सभी महाप्रबंधकों को भी दी है ताकि आम गरीब निवेशकों को जल्द एवं सहुलियत से पैसे वापस मिल सके।