सामाजिक कार्यकर्त्ता कुमार मधुरेंद्र सिंह ने उपायुक्त को पत्र लिखकर वृद्धाश्रम, शेल्टर होम को मदद करने के उद्देश्य को लेकर सुझाव दिए

0

मनीष रंजन की रिपोर्ट

धनबाद के लगभग सभी निजी एवं सरकारी स्कूलों में प्रत्येक वर्ष सभी बच्चों से गरीब बच्चों के कल्याण, अनाथाश्रम, दिव्यांग स्कूल के बच्चों तथा शेल्टर होम तथा अन्य तरह के आकस्मिक आपदा की जरूरत के लिए अनाज, कपड़े वगैरह की मांग की जाती है। आज कल शहरों में वृद्धों के प्रति पारिवारिक एवं सामाजिक कर्तव्य को समझने के लिए स्कूलों के तरफ से वृद्धाश्रम,दिव्यांग जन स्कूल एवं शेल्टर होम भी ले जाये जा रहें हैं। बच्चों को वृद्धों के प्रति जिम्मेवार बनाने के ख्याल से उन्हे वृद्धाश्रम ले जाये जाते हैं तथा साथ में स्कूलों के तरफ से जमा किए गए अनाज, साबुन, सर्फ वगैरह दिए जाने लगे हैं। विभिन्न बच्चों द्वारा दिए गए विभिन्न प्रकार के चावल एवं दाल को देने से वृद्धाश्रम में भोजन पकाने में दिक्कत आती है जो बगैर इस्तेमाल किए ही बर्बाद हो जाता है।
धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष तथा झारखंड अभिभावक महासंघ के उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने धनबाद के उपायुक्त श्री वरुण रंजन को पत्र लिखकर ईमेल किया है जिसमें उन्होंने उपायुक्त को स्कूल प्रबंधन के लिए एक सुझाव दिया है जिसमें सभी बच्चों से एक रूपया प्रतिदिन लेने का प्रावधान करने को कहा है ताकि वर्ष में एकमुश्त कुछ रकम गरीब बच्चों के कल्याण या वृद्धाश्रम में दिए जा सके। कुमार मधुरेंद्र सिंह ने वृद्धाश्रम के एक लोग को गोद लेकर उन्हे मदद करने के लिए स्कूल प्रबंधन को आदेश देने की अपील की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed