सिखों के धार्मिक मामलों में महाराष्ट्र सरकार हस्तक्षेप ना करे: सतपाल सिंह ब्रोका

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

सिखों के धार्मिक मामलों में महाराष्ट्र सरकार हस्तक्षेप ना करें : सतपाल सिंह ब्रोका

तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड़ गुरुद्वारा मैनेजमेंट बोर्ड में महाराष्ट्र की एक नाथ शिंदे सरकार द्वारा 1956 के कानून को संशोधित करते हुए बारह पदाधिकारी सदस्यों को सरकार नामित करेगी का फरमान जारी किया है जिसके कारण देश विदेश में सिख समुदाय में काफी रोष व्याप्त है। आज रणधीर वर्मा चौक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का पुतला दहन धनबाद के सिख समाज ने किया।
झारखंड सिख सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष सतपाल सिंह ब्रोका ने कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि महाराष्ट्र की भाजपा की एकनाथ शिंदे सरकार की यह कार्रवाई अत्यंत निंदनीय और सिख की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है। इसे समुदाय की धार्मिक आजादी पर हमला करार दिया है। इसका कड़े शब्दों में धनबाद का सिख समाज विरोध करता है। इस मामले को लेकर आज महाराष्ट्र सरकार के द्वारा लिए गए फैसले को निरस्त करने का ज्ञापन उपायुक्त, धनबाद के माध्यम से सौंपा गया। जिसमें महाराष्ट्र की सरकार की ओर से तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड़ प्रबंधन बोर्ड के अधिनियम में मनमाने ढंग से संशोधित कर नया कानून अधिनियम बनाकर 2024 लागू किया गया। इसमें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नामित सदस्यों की संख्या भी कम कर दी गई है। सरकार के इस आदेश फरमान को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिख गुरुद्वारों तख्तों के पवित्र स्थलों के संचालन में सरकारी हस्तक्षेप सिख समुदाय कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। एकनाथ शिंदे सरकार के फैसले की हम कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं जिसके कारण आज सिखों के हितों को नुकसान और भावनाओं को ठेस पहुंचा है। इस तरह के सिख धार्मिक मामलों में महाराष्ट्र सरकार का सीधा हस्तक्षेप और नए संशोधित 2024 अधिनियम को तत्काल सरकार रद्द करे और पूर्व की भांति 1956 अधिनियम को यथास्थिति बहाल करे।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने तखत श्री हजूर साहिब गुरुद्वारा नियंत्रण बोर्ड अधिनियम में संशोधन करते हुए 12 सदस्यों को मनोनीत कर दिया है। वहीं प्रबंधक बोर्ड में एसजीपीसी के चार सदस्यों को घटाकर संख्या दो कर दी गई है। संशोधन विधेयक के अनुसार मौजूदा बोर्ड में कुल सदस्यों की संख्या 17 होगी जिसमें 12 पदाधिकारी/ सदस्य सरकार के द्वारा मनोनीत होंगे। वहीं दो सदस्य एसजीपीसी मनोनीत करेंगे शेष तीन सदस्यों का चयन वहां के स्थानीय चुनाव प्रक्रिया से होगा। साथ ही साथ दो चीफ खालसा दीवान, दो चीफ हजूरी दीवान तथा दो सिख पार्लियामेंट सदस्य को भी विलोपित कर दिया है।

इस पुतला दहन कार्यक्रम में बड़ा गुरुद्वारा के उपाध्यक्ष गुरचरण सिंह माझा, तेजपाल सिंह, राजेंद्र सिंह, गुरुद्वारा गुरु नानकपुरा के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजपाल, सचिव राजेंद्र सिंह चावला, महेंद्र सिंह राजपाल, जामाडोबा गुरुद्वारा 3 नंबर के सतपाल सिंह बिट्टू, दो नंबर के निरंजन सिंह, सुच्चा सिंह, चार नंबर से बलजीत सिंह, शीतल सिंह, हरजीत सिंह राजपाल, लाल सिंह राजपाल, पप्पू सिंह, हरभजन सिंह चावला, चासनाला गुरुद्वारा से सरबजीत सिंह, परमजीत सिंह, बलबीर सिंह, पाथरडीह से सोहन सिंह, राजन सिंह, बलवंत सिंह, कुलवंत सिंह, सतनाम सिंह सहित सैकड़ो लोग शामिल थे।

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