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मनीष रंजन की रिपोर्ट किसी भी अस्पताल विशेष कर स्वास्थ्य केंद्रों एवं सिविल सर्जन कार्यालय में आम व्यक्ति या मरीज को जब आवश्यक कामों से लिपिक वर्गीय कर्मचारियों से जरूरत पड़ती है तो उन्हे यह समझ में नहीं आता है की वह अपने काम को लेकर किससे बात करे। कई कर्मचारी सभी कार्यों को करने की बात करते हैं ऐसे में व्यक्ति को समझ में नहीं आता है कि वह किस लिपिक से काम कराये। धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर ईमेल किया है जिसमें उन्होंने सभी लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के लिए नेमप्लेट एवं उनके कार्यस्थल पर उनके विभाग के कार्यों का कार्य क्षेत्र का उल्लेख होने के लिए कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने कई जगह लिपिक के प्रतिनिधि बने हुए लोगों पर भी कार्रवाई करने की गुजारिश की है ताकि आम मरीज अपने कार्यों को लेकर भ्रम में न रहे। उन्होंने पत्र की प्रति अध्यक्ष, झारखंड विधान सभा, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग, झारखंड सरकार, उपायुक्त धनबाद, विधायक, धनबाद एवं अन्य विधायक, क्षेत्रीय निदेशक, स्वास्थ्य सिविल सर्जन, धनबाद सहित सभी जिलों के सिविल सर्जन को इस विशेष विषय पर ध्यान देकर आवश्यक कार्रवाई की अपील की है।
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