हरि मंदिर में पुष्पांजली सहित सभी कार्यक्रम पर रोक रहेगी, सिर्फ सांकेतिक परंपरा निभाई जायेगी
मनीष रंजन की रिपोर्ट
धनबाद में बंगाली समाज को समर्पित शरदीय नवरात्र,दुर्गा पूजा हीरापुर के हरि मंदिर में परंपरागत रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से झारखंड सरकार ने दुर्गा पूजा को लेकर जारी निर्देशों का पालन करते हुए ही पूजा करने का आयोजन किया जायेगा।
हरि मंदिर शारदीय सम्मिलनी के सचिव श्री पार्थो दासगुप्ता ने बताया कि इस वर्ष सभी तरह के आयोजन की मनाही है। किसी भी तरह की पुष्पांजली नहीं की जायेगी। श्रद्धालुओं से किसी भी तरह का चढ़ावे की थाली, पूजन सामग्री, साड़ी नहीं ली जायेगी। कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा और न ही बैठने के लिए कुर्सी का इंतजाम रहेगा। इस वर्ष पूजा कमिटी द्वारा किसी भी तरह के चंदे की वसूली नहीं की जायेगी एवं महिलाओं के लिए सिंदूर खेला का आयोजन सोशल डिसटेंसिंग का पालन करते हुए किया जायेगा। किसी भी तरह का भोग वितरण नहीं किया जायेगा। श्रद्धालुओं का मंदिर के अंदर प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। मूर्ति का विसर्जन परंपरागत तरीके से यादवों के कंधे पर ही विराज कर सोशल डिसटेंसिंग का पालन करते हुए जायेगी।
आज हुए प्रेस कांफ्रेंस में पूजा समिति के अध्यक्ष श्री पार्थसारथी, सचिव पार्थो दासगुप्ता, उपसचिव संतोष प्रमाणिक,संयुक्त सचिव पीयुष रंजन वर्मा एवं उपाध्यक्ष बबलू चटर्जी मौजूद थे।