हुल दिवस के अवसर पर आजसु महानगर इकाई ने बलिदान देने वालों को याद किया
मनीष रंजन की रिपोर्ट
आज धनबाद के कोहिनूर मैदान कैंपस में आजसु ,धनबाद ने हुल दिवस मनाया। हुल दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आजसू पार्टी के महानगर अध्यक्ष श्री पप्पू सिंह उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हुल विद्रोह अंग्रेजों के खिलाफ बेहद प्रभावशाली विद्रोह था जिसे हूल क्रांति का नाम दिया गया था। आज भले हम 1857 के सिपाही विद्रोह को पहला विद्रोह मानते हैं, लेकिन संथाल के आदिवासियों का हूल विद्रोह भी बेहद प्रभावशाली रहा था। उस समय संथाल विद्रोह मुट्ठी भर आदिवासियों ने शुरू किया था जो बाद में जन आंदोलन बन गया। संथालियों ने अपने परंपरागत हथियारों के दम पर ही ब्रिटिश सेना को पस्त कर दिया था। केंद्रीय सदस्य कलियासोल प्रखंड प्रभारी रतिलाल महतों ने कहा कि 1855 के संथाल विद्रोह में पचास हजार से अधिक लोगों ने अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो का आह्वान किया था। उस विद्रोह के नायक सिद्धो, कान्हू, चांद और भैरव चार भाई थे। ब्रिटिश शासन, जमींदार, महाजन , बनिया तथा साहूकार की शोषण नीति के खिलाफ आदिवासियों की व्यापक गोलबंदी हुई थी, कर्ज अदा नहीं करने पर पूरे परिवार को बंधुआ मजदूर बना लेते, मालगुजारी नहीं देने पर उनकी जमीन नीलाम कर दी जाती थी। आज हुल दिवस के अवसर पर केंद्रीय सदस्य रतिलाल महतो, महानगर अध्यक्ष श्री पप्पू सिंह ,बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी प्रभारी श्री हीरालाल महतो, कलियासोल प्रभारी श्री संतोष कुशवाहा, छात्र नेता विशाल महतो ,श्रवन ठाकुर सुनील शर्मा, सोनू कुमार, सुनील रवानी समेत कई कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।