हो रही बरसाती बीमारियां,बरतें सावधानियां

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डा आर लाल गुप्ता लखीसराय
वैसे तो हरेक मौसम में बिमारियां होती है, परन्तु बरसात के मौसम में विभिन्न किस्मों के कीड़े-मकोड़े के अलावे मच्छरों की उत्पत्ति हो जाने के कारण डायरिया, मलेरिया,फायलेरिया,
जाण्डिस, डेंगू,अपच,फुड प्वाजनिंग, टायफाइड, सर्दी-खांसी, चर्म रोग आदि रोगों के प्रभाव ज्यादा होने का खतरा बढ़ जाता है।
बरतें सावधानियां-
उपचार से बेहतर बचाव के सिद्धांत को अपनाकर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दी गई नारा कि ,”स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत” के राह अपनाकर हम बिमारियों से अपना व अपने परिवार का बचाव कर सकते हैं।
बरसात के मौसम में किसान व मजदूरों को खेत में विभिन्न कार्यों से जाना होता है। ऐसे में
जानकारों को अनुसार घरेलू नुस्खे भी काफी कारगर सिद्ध होता है जिसे अपनाकर कर आजमाने चाहिए। शुद्ध सरसों के तेल पुरे शरीर में लगाकर बारिश का सामना कुछ हद तक किया जा सकता है। बरसात के दिन में सिर के बाल को वैसे लोग नहीं रखते थे जिन्हें बरषा में भींगने की मजबूरी रहती थी। ऐसा करने से सिर पर बरसात का पानी देर तक नहीं होने से इसका दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
इसके साथ ही पता है कि कोरोनावायरस के गिरफ्त में दिनों दिन लोग आ रहे हैं। ऐसे में सर्दी खांसी से बचाव करने के साथ ही बिमारी हो जाने पर उचित चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए।
वहीं चेहरे पर मुंह एवं नाक को मास्क,गमछा या बड़े रुमाल से ढंकना आवश्यक समझना चाहिए विशेषकर तब जब सर्दी खांसी से प्रभावित हों।

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