उपायुक्त, एसएसपी सहित तमाम पदाधिकारियों ने एसपी शहीद रणधीर वर्मा को दी श्रद्धांजलि
31वें शहादत दिवस पर धनबाद के जांबाज एसपी शहीद रणधीर वर्मा के 31 वें शहादत दिवस पर रणधीर वर्मा चौक...
31वें शहादत दिवस पर धनबाद के जांबाज एसपी शहीद रणधीर वर्मा के 31 वें शहादत दिवस पर रणधीर वर्मा चौक...
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड मंत्रालय में आज कोविड-19 के मद्देनजर प्रतिबंध/छूट के संदर्भ में आयोजित झारखंड...
सोमवार, 3 जनवरी 2022, से 15 वर्ष से 18 वर्ष के युवाओं के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया जाएगा। वैक्सीनेशन के...
https://isolate.egovdhn.in लिंक से किया जा सकता है डाउनलोड कोविड संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन के लिए हिम्मत एप से आवेदन कर...
1842 की जांच में 57 मिले संक्रमित धनबाद जिले में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने तथा जांच के क्रम...
महानिदेशक वी. एस. पठानिया ने 31 दिसंबर 2021 को भारतीय तटरक्षक बल के 24वें प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया। वह वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज और नई दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। फ्लैग ऑफिसर पठानिया एक योग्य हेलीकॉप्टर पायलट हैं और उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा एवं सामरिक अध्ययन में परास्नातक डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने यूएस कोस्ट गार्ड के साथ खोज व बचाव तथा बंदरगाह संचालन में विशेषज्ञता हासिल की है। अपने 36 वर्षों से अधिक समय के शानदार करियर में उन्होंने कई प्रमुख नियुक्तियों पर कार्य किया है, जिनमें से प्रमुख ये हैं- गांधी नगर में कमांडर तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर पश्चिम), मुंबई में कमांडर तटरक्षक क्षेत्र (पश्चिम), उप महानिदेशक (एचआरडी) तटरक्षक मुख्यालय तथा नई दिल्ली में उप महानिदेशक (नीति और योजनाएं)। फ्लैग ऑफिसर श्री पठानिया ने तटरक्षक जहाजों के सभी वर्गों अर्थात् तटवर्ती गश्ती पोत 'रानीजिंदन', अपतटीय गश्ती जहाज 'विग्रह' और उन्नत अपतटीय गश्ती पोत 'सारंग' की कमान संभाली है। https://youtu.be/kYoiNRhpT8Y श्री पठानिया ने नई दिल्ली में तटरक्षक मुख्यालय के प्रधान निदेशक (एचआरडी), तटरक्षक मुख्यालय नई दिल्ली में प्रधान निदेशक (नीति एवं योजना), तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर पश्चिम) मुख्यालय में चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्य कर्मचारी अधिकारी (संचालन), मुख्यालय तटरक्षक क्षेत्र (पश्चिम) में मुख्य कर्मचारी अधिकारी (कार्मिक एवं प्रशासन), चेन्नई में तटरक्षक वायु स्टेशन पर कमांडिंग ऑफिसर, तटरक्षक मुख्यालय में निदेशक (कार्मिक) तथा संयुक्त निदेशक (विमानन) और चेन्नई में 848 स्क्वाड्रन के स्क्वाड्रन कमांडर के पदों पर कार्य किया है। फ्लैग ऑफिसर पठानिया को नवंबर 2019 में अपर महानिदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया और उन्होंने विशाखापत्तनम में तटरक्षक कमांडर (पूर्वी समुद्र तट) के रूप में पदभार ग्रहण किया। पूर्वी समुद्र तट पर उनकी शीर्ष निगरानी की अवधि के दौरान प्रमुख अभियानों में वृद्धि देखी गई, जिसमें हजारों करोड़ के सोने और कई टन दवाओं / मादक पदार्थों की तस्करी पर लगाम, प्रदूषण नियंत्रण अभियान, विदेशी तट रक्षक बलों के साथ संयुक्त अभ्यास, अवैध शिकार विरोधी अभियान और चक्रवातों/प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता तथा मजबूत तटीय सुरक्षा जैसे सामूहिक बचाव अभियान शामिल थे। श्री वी. एस. पठानिया को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का तटरक्षक पदक, वीरता के लिए तटरक्षक पदक तथा महानिदेशक भारतीय तट रक्षक प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया है।
’आजादी का अमृत महोत्सव’ (एकेएएम) समारोह के तहत 1 से 26 जनवरी 2022 के दौरान आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) का स्मार्ट सिटी मिशन ’फ्रीडम 2 वॉक एंड साइकल चैलेंज फॉर सिटी लीडर्स’, और ’इंटर-सिटी फ्रीडम 2 वॉक एंड साइकिल चैलेंज फॉर सिटिजन्स’ नाम से दो अद्वितीय राष्ट्रीय स्तर की चुनौतियों का शुभारंभ करने जा रहा है। इन चुनौतियों का उद्देश्य 1-3 अक्टूबर, 2021 के बीच आयोजित ’आजादी का अमृत महोत्सव- फ्रीडम 2 वॉक एंड साइकिल’ नामक राष्ट्रव्यापी अभियान को सफल बनाना है। इस दौरान पैदल चलने और साइकिल चलाने को बढ़ावा देने को लेकर 100 स्मार्ट नगरों में सक्रियता से 220 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में महिलाओं और बच्चों को चलने, दौड़ने और साइकिल चलाने के लिए सशक्त बनाने की गतिविधियों से लेकर अधिक से अधिक पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों को सड़कों पर लाने, अस्थायी हस्तक्षेपों का जांच करने समेत कई गतिविधियां शामिल थीं। ये कार्यक्रम पैदल चलने और साइकिल चलाने की दिशा में नागरिकों में दीर्घकालिक व्यवहार परिवर्तन विकसित करने और प्रत्येक शहर में शहर के नेताओं को पैदल चलने और साइकिल चलाने के चैंपियन बनाने के मकसद से पहले के कार्यक्रम की गति को आगे बढ़ाएंगे। इंटर-सिटी सिटीजन चैलेंज के लिए अब तक 75 शहरों ने पंजीकरण कराया है। साथ ही 65 नगरों और 232 नेताओं, जिनमें आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त/संयुक्त आयुक्त/उपायुक्त, स्मार्ट सिटी के सीईओ और प्रमुख एसपीवी अधिकारी शामिल हैं, ने सिटी लीडर्स अभियान के लिए अब तक साइन अप किया है। 26 जनवरी, 2022 तक चलने वाले 3 सप्ताहों के दौरान, प्रतिभागियों को अपने पैदल चलने, दौड़ने और साइकिल की गतिविधियों को प्रतिदिन ट्रैक करने की आवश्यकता होगी और चुनौती के अंत में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले नगरों को पुरस्कृत किया जाएगा। फ्रीडम 2 वॉक एंड साइकिल इंटर-सिटी चैलेंज में शामिल होने के इच्छुक नागरिक वेबसाइट https://allforsport.in/Challenges के माध्यम से या नगर के शहरी स्थानीय निकाय के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल द्वारा साझा किए गए पंजीकरण लिंक से अपने संबंधित शहर के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों से मैंने अपने कार्य व मनोरंजन के लिए अक्सर साइकिल चलाना शुरू किया है। इससे मैं न सिर्फ शारीरिक और मानसिक रूप से अधिक तंदुरुस्त हो गया हूं, बल्कि इससे मुझे शहर और इसकी जरूरतों को देखने के लिए एक अलग नजरिया मिला है। साइकिल चलाना हालांकि छोटा लेकिन अत्यंत शक्तिशाली उपकरण है जो हमारे नगरों को बदलता सकता है। मैं सभी नगरों के नेताओं से पैदल चलकर और साइकिल चलाकर अपने नगरों का अनुभव करने और दूसरों को प्रेरित करने वाले चैंपियन बनने का आग्रह करता हूं। - कुणालकुमार, संयुक्तसचिव, स्मार्टसिटीजमिशन, एमओएचयूए आजादीकाअमृतमहोत्सव आजादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का उत्सव मनाने और इसे यादगार बनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। यह महोत्सव भारत के उन लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को उसकी विकास यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि उनके भीतर वह शक्ति और क्षमता भी है जो आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित प्रधानमंत्री मोदी के भारत 2.0 को क्रियाशील बनाने में सक्षम है। आजादी का अमृत महोत्सव उन सबकी अभिव्यक्ति है जो भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान को लेकर प्रगतिशील हैं। ’आजादी का अमृत महोत्सव’ का आधिकारिक सफर 12 मार्च 2021 को शुरू हुआ, जब हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75-सप्ताह की उलटी गिनती शुरू हुई। एमओएचयूए स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी के अमृत महोत्सव के आह्वान के तहत कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। इस पहल के हिस्से के रूप में, सूरत, गुजरात में 4-5 फरवरी 2022 को एमओएचयूए द्वारा ’स्मार्ट सिटीज, स्मार्ट शहरीकरण’ विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। इनका आयोजन एमओएचयूए द्वारा 1-31 जनवरी 2022 से आयोजित गतिविधियों, जो एक या पांच विषयों अर्थात स्वतंत्रता संग्राम, 75 साल के कार्य, 75 साल की उपलब्धियां, 75 साल की परिकल्पना और 75 साल के संकल्प को दर्शाती हैं, के माध्यम से आजादी का अमृत महोत्सव के आयोजन से पहले होगा। https://youtu.be/kYoiNRhpT8Y
केंद्र सरकार की नकद स्थिति की समीक्षा करने के बाद, भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से मार्च...
1. सिविल सेवा (प्रधान) परीक्षा, 2020 का परिणाम, दिनांक 24.09.2021 के प्रेस नोट द्वारा घोषित किया गया था, जिसमें 836 रिक्तियों के लिए, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और केन्द्रीय सेवा के समूह ‘क’ तथा समूह ‘ख’ में नियुक्ति हेतु योग्यताक्रम में 761 उम्मीदवारों की अनुशंसा की गई थी।...
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी को अपनाने और भारत के शहरी पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार को...
ओडिशा में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए, भारत सरकार ने आज राज्य को 830.85 करोड़ रुपये जारी किए...
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) वाराणसी में टेली-डिजिटल स्वास्थ्य देखरेख प्रायोगिक कार्यक्रम का शुभारंभ कियादेश के तीन...
वर्ष 2021 समाप्त होने वाला है, ऐसे में आइए एक नज़र डालते हैं कि प्रसार भारती ने दूरदर्शन और ऑल...
क्षेत्रीय मुख्यालयों के साथ देश भर के 70 उप-केंद्रों पर इस दिन को चिन्हित करने के लिए तिरंगे की रोशनी...
निचले इलाके का चिनहान गांव तिरप जिले के लाजू मंडल में खोंसा शहर से लगभग 58 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह म्यांमार के साथ एक अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है। यहां पर कुल 813 लोगों की आबादी वाले 163 घर बने हुए हैं। यह तिरप जिले के सबसे दूर स्थित गांवों में से एक है और ओलोह जनजाति का निवास स्थल है। चिनहान गांव वर्ष 2014 से पूर्वोत्तर क्षेत्र सामुदायिक संसाधन प्रबंधन परियोजना- एनईआरसीओआरएमपी के अंतर्गत आता है। विभिन्न विकास गतिविधियों की प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध करने के लिए गांव में सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन (पीआरए) अभ्यास आयोजित किया गया था। इस दौरान, ग्रामीणों ने सुम्हक नदी पर बने झूला पुल की पहचान गांव में की जाने वाली प्राथमिक विकास गतिविधि के रूप में की क्योंकि यह सेतु मार्ग इस गांव की जीवन रेखा है। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा लाजू और खोंसा आने-जाने, आवश्यक घरेलू सामान एवं अन्य निजी वस्तुओं को खरीदने तथा अन्य आवश्यक कार्यों के लिए इसी मार्ग का उपयोग किया जाता है। वर्षा के मौसम (जून-सितंबर) के दौरान ग्रामीणों को नदी पार करने में बहुत कठिन समय का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि नदी में पानी की मात्रा काफी बढ़ जाती है और इसे पार करते समय पानी का प्रवाह बहुत तेज होता है। इसलिए हर साल, ग्रामीण नदी पार करने के लिए बांस की संरचना के साथ एक अस्थायी झूला पुल का निर्माण करते थे। वित्तीय वर्ष 2015-2016...
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, हैदराबाद के रीडर और वर्ष 2020-21 के लिए स्वर्ण जयंती शोधकर्ता पबित्रा के. नायक अगली पीढ़ी की कम लागत वाली सक्षम अर्धचालक सामग्री बनाने करने के लिए अनुसंधानकर्ताओं के समूह का नेतृत्व कर रहे हैं जो इस क्षेत्र की प्रौद्योगिकी में भारत की अगुवाई में योगदान कर सकता है। भारत ने हाल ही में अर्धचालक (सेमीकंडक्टर्स) के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में देश को वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए 2,30,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन की घोषणा की है क्योंकि आधारभूत बिल्डिंग ब्लॉक और अगली पीढ़ी की कम लागत वाली सक्षम अर्धचालक सामग्री आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के मुताबिक देश को इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में मार्ग प्रशस्त कर सकती है। मेटल हैलाइड पेरोवस्काइट और कार्बनिक अर्धचालकों जैसी कम ऊर्जा संसाधित करने योग्य सामग्री से बड़े पैमाने पर व्यावसायिक रूप से साध्य इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोग सिद्ध हो सकता है। हालांकि, पारंपरिक अकार्बनिक अर्धचालकों के साथ प्रतिस्पर्धा में कार्बनिक पदार्थ और हैलाइड पेरोव्स्काइट अभी भी विद्युत चालकता में कम हैं। इस कमी को डोपिंग के माध्यम से दूर किया जा सकता है जिससे अधिक संख्या में मुक्त इलेक्ट्रॉनों (या छिद्र) की चालकता में वृद्धि हो या अन्य अर्धचालकों या धातुओं के इंटरफेस पर चार्ज इंजेक्शन/एक्सट्रैक्शन के गुणों को नियंत्रित करने के लिए, इस प्रकार उपकरणों के प्रदर्शन को प्रभावित किया जा सके। अनुसंधान समुदाय का अधिकांश ध्यान इलेक्ट्रॉनिक डोपेंट्स सिस्टम विकसित करने में रहा है जो अत्यधिक जटिल और प्रतिक्रियाशील कार्बनिक या कार्बनिक व धातुई जटिलताओं पर आधारित है, जो काफी हद तक अक्षम होती हैं और डिवाइस की दीर्घकालिक स्थायित्व को प्रभावित करने वाली अशुद्धियों को पीछे छोड़ देती हैं। इस प्रकार इन दृष्टिकोणों से परे और इलेक्ट्रॉनिक डोपिंग में अत्याधुनिक अनुसंधान से परे देखने की जरूरत है। डॉ. नायक ने ’नेचर मैटेरियल्स’...
वैज्ञानिक लंबे समय से इस विषय को लेकर उत्सुक रहे हैं कि कार्बन की प्रचुरता वाले सितारों पर लोहे की...
झारखंड के 4,424 गांवों में 7.97 लाख परिवारों को लाभान्वित करने के लिए 315 जलापूर्ति योजनाएंझारखंड की 2024 तक 'हर...
महिला एकता एसएचजी महासंघ (डब्ल्यूयूएसएफ) द्वारा चोथे गांव, चुराचांदपुर, मणिपुर में प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। एमएसएमई विकास संस्थान (डीआई), इंफाल, मणिपुर के...
जीएसटी परिषद की 46वीं बैठक की सिफारिशें केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी...