30वें शहादत दिवस पर दी गई शहीद रणधीर वर्मा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

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30वें शहादत दिवस पर दी गई शहीद रणधीर वर्मा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

धनबाद। वीरता के लिए सर्वोच्च पदक अशोक-चक्र से सम्मानित जांबाज पुलिस अधिकारी शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा के 30वें शहादत दिवस पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। रणधीर वर्मा चौक पर शहीद की आदमकद प्रतिमा पर शहीद की धर्मपत्नी प्रो रीता वर्मा उपायुक्त , एसएसपी , सिटी एसपी , एएसपी , एसडीएम समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारियों समेत सांसद विधायक विभिन्न दलों के नेता व कार्यकर्ता गणमान्य लोगों ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस अवसर पर सबो ने एक स्वर से कहा जाबाज अशोक चक्र से सम्मानित शहीद रणधीर वर्मा युगों युगों तक याद किये जायेंगे।
इस बार कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए संगीतमय श्रद्धांजिल का कार्यक्रम स्थगित रहा। शहीद को संगीतमय श्रद्धांजलि देने की परंपरा रही है। जिस समय पर रणधीर वर्मा ने वीरगति पाई थी, उसी समय पर “वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीड़ परायी जाणे रे…. भजन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत होती थी। इसके बाद “अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान….” प्रस्तुत किया जाता था। इस कार्यक्रम में रणधीर वर्मा को प्रिय “मन लागो मेरो यार फकीरी में…..” अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किया जाता था। रणधीर वर्मा को संत कबीर की फकीरी प्रिय थी तो इसकी वजह भी थी। कहते हैं कि जो फकीर होने को राजी हो जाता है, वह बादशाह हो जाता है। रणधीर वर्मा प्रेण, करूणा और दया के सागर थे। उन्होंने जीवन आम आदमी की तरह जिया और वीरगति पाई तो बादशाह की तरह यात्रा हो गई थी। इधर बैंक मोड़ थाने में भी शहीद को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। यहाँ उपस्थित हुए विधायक राज सिन्हा ने कहा रणधीर प्रसाद वर्मा आतंकियों से लोहा लेते हुए प्राणों की आहुति दी। ऐसे वीर पुलिस अधीक्षक को शतशत नमन है।

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