डीसीजीआई ने कोविड-19 के मध्यम से गंभीर रोगियों के लिए इटोलिज़ुमाब के प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दी

इटोलिज़ुमाब (आरडीएनए मूल) एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है जिसे पहले से ही गंभीर पुरानी प्लेक सोरायसिस में उपयोग के लिए मंजूरी मिली हुई है। अब ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने क्लिनिकल ट्रायल डेटा के आधार पर इस इटोलिज़ुमाब के प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी है। 

मेसर्स बायोकॉन 2013 से अल्ज़ुमाब ब्रांड नाम से मध्यम से गंभीर पुरानी प्लेक सोरायसिस के रोगियों के उपचार के लिए इस दवा का निर्माण और विपणन कर रही है। इस स्वदेशी दवा को अब कोविड-19 के लिए पुनर्निर्मित किया गया है।

मेसर्स बायोकॉन ने कोविड-19 के रोगियों में उत्पन्न द्वितीय चरण नैदानिक ​​परीक्षण के परिणाम डीसीजीआई के समक्ष प्रस्तुत किए हैं। इन परीक्षणों के परिणामों पर डीसीजीआई के कार्यालय की विषय विशेषज्ञ समिति में विवेचन किया गया।

मृत्यु दर के प्राथमिक समापन बिंदु, पीएओ2 और ऑक्सीजन (ओ2) संतृप्ति में सुधार जैसे फेफड़ों के कार्य के अन्य प्रमुख समापन बिंदु के विवरण प्रस्तुत किए गए। प्रमुख सूजन संबंधी चिन्ह आईएल-6, टीएनएफअल्फा आदि को भी पेश किया गया।

विस्तृत विचार-विमर्श के बाद और समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए डीसीजीआई ने कोविड-19 की वजह से मध्यस से गंभीर तीव्र श्वसन पीड़ा लक्षण (एआरडीएस) वाले रोगियों में साइटोकिन रिलीज सिंड्रोम (सीआरएस) के उपचार के लिए कुछ शर्तों जैसे रोगियों की सूचित सहमति, एक जोखिम प्रबंधन योजना, केवल अस्पताल में उपयोग किया जाना आदि, के अधीन दवा के प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के तहत दवा का विपणन करने की अनुमति देने का फैसला किया है।

इस स्वदेशी दवा यानी इटोलिज़ुमाब के साथ उपचार की औसत लागत उन तुलनीय दवाओं की तुलना में कम है जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कोविड-19 के लिए क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में संकेतित ‘जांच चिकित्सा’ का हिस्सा हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *