पीएमजीकेएवाई-2 के अंतर्गत राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों ने 19.32 एलएमटी खाद्यान्न का उठान किया

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत मई, 2020 में 2.40 करोड़ लाभार्थियों को और जून, 2020 में 2.47 करोड़ लाभार्थियों को 2,43,092 एमटी खाद्यान्न का वितरण किया गया; राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों ने 11,678 एमटी चने का भी वितरण किया

कुल खाद्यान्न भंडार:

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की 21.07.2020 की रिपोर्ट के अनुसार, एफसीआई के पास वर्तमान में 253.28 एलएमटी चावल और 531.05 एलएमटी गेहूं का भंडार है। इस प्रकार, कुल 784.33 एलएमटी खाद्यान्न का भंडार (गेहूं और धान की जारी खरीद को छोड़कर, जो अभी तक गोदाम में नहीं पहुंचा है) उपलब्ध है। एनएफएसए, पीएमजीकेएवाई और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत एक महीने के लिए लगभग 95 एलएमटी खाद्यान्न की आवश्यकता है।

लॉकडाउन के बाद से, लगभग 139.97 एलएमटी खाद्यान्न का उठान हो चुका है और 4999 रेल रैक्स के माध्यम से इसकी ढुलाई हो चुकी है, वहीं 30 जून, 2020 तक कुल 285.07 एलएमटी खाद्यान्न पहुंचाया जा चुका है। 1 जुलाई, 2020 के बाद, 26.69 एलएमटी खाद्यान्न का उठान हो चुका है और 953 रेल रैक्स के माध्यम से ढुलाई हो चुकी है। रेल मार्ग के अलावा, सड़क और जल मार्गों के माध्यम से भी ढुलाई की गई थी। 1 जुलाई, 2020 के बाद कुल 50.91 एलएमटी खाद्यान्न की ढुलाई हो चुकी है। 1 जुलाई, 2020 के बाद पूर्वोत्तर राज्यों को कुल 1.63 एलएमटी खाद्यान्न पहुंचाया जा चुका है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना-1

खाद्यान्न (चावल/गेहूं)

पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत, 3 महीने अप्रैल, मई और जून, 2020 के लिए कुल 119.5 एलएमटी खाद्यान्न (104.3 एलएमटी चावल और 15.2 एलएमटी गेहूं) की आवश्यकता थी, जिसमें से विभिन्न राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों ने 101.51 एलएमटी चावल और 15.01 एलएमटी गेहूं का उठान किया गया। इस प्रकार कुल 117.08 एलएमटी खाद्यान्न का उठान किया गया। अप्रैल, 2020 में 74.86 करोड़ लाभार्थियों को 37.43 एलएमटी (94 प्रतिशत) खाद्यान्न का वितरण किया गया; मई, 2020 में 74.82 करोड़ लाभार्थियों को 37.41 एलएमटी (94 प्रतिशत) खाद्यान्न का वितरण किया गया और जून, 2020 महीने में 72.38 करोड़ लाभार्थियों (जून महीने का वितरण अभी तक जारी है) को 36.19 एलएमटी (91 प्रतिशत) खाद्यान्न का वितरण हुआ। तीन महीनों में औसत वितरण लगभग 93 प्रतिशत रहा।

दालें

दालों की बात करें तो, तीन महीने यानी अप्रैल से जून तक कुल 5.87 एलएमटी की आवश्यकता का अनुमान था। अभी तक, 5.83 एलएमटी दालें राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को भेजी जा चुकी हैं और 5.79 एलएमटी राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों तक पहुंच चुकी हैं, वहीं 4.89 एलएमटी दालों का वितरण किया जा चुका है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना-2:

खाद्यान्न (चावल/गेहूं):

1 जुलाई, 2020 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 2 शुरू हो चुकी है, जो नवंबर, 2020 तक जारी रहेगी। इस अवधि के दौरान, 81 करोड़ लाभार्थियों को कुल 201 एलएमटी खाद्यान्न वितरण किया जाएगा, इसके साथ ही 19.4 करोड़ परिवारों को कुल 12 एलएमटी चना का वितरण किया जाएगा।

पीएमजीकेएवाई-2 के लिए राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों को जुलाई से नवंबर, 2020 तक 5 महीने के लिए कुल 201.08 एलएमटी खाद्यान का आवंटन किया जा चुका है। इसमें 91.14 एलएमटी गेहूं और 109.94 एमएलटी चावल शामिल हैं। विभिन्न राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों द्वारा कुल 19.32 एलएमटी खाद्यान्न का उठान किया जा चुका है। भारत सरकार इस योजना के अंतर्गत लगभग 76,062 करोड़ रुपये का 100 प्रतिशत बोझ खुद उठा रही है। 4 राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों को सिर्फ गेहूं, 15 राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को सिर्फ चावल और बाकी 17 राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को चावल व गेहूं दोनों का आवंटन किया गया है।

दालें :

दालों की बात करें तो अगले पांच महीनों के लिए कुल 12 एलएमटी दालों की आवश्यकता है। भारत सरकार इस योजना के अंतर्गत लगभग 6,849 करोड़ रुपये का 100 प्रतिशत भार वहन कर रही है। 15.07.2020 तक भंडार में कुल 10.38 एलएमटी दालें (तुअर-5.48 एलएमटी, मूंग-1.13 एलएमटी, उड़द-2.19 एलएमटी, चना- 1.30 एलएमटी और मसूड़- 0.27 एलएमटी) उपलब्ध हैं। पीएसएस भंडार में लगभग 22.52 एलएमटी चना और पीएसएफ भंडार में 1.30 एलएमटी चना उपलब्ध है।

प्रवासी कामगारों को खाद्यान्न का वितरण (आत्म निर्भर भारत पैकेज)

आत्म निर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत भारत सरकार ने फैसला लिया था कि 8 करोड़ प्रवासी कामगारों, फंसे हुए लोगों और जरूरतमंद परिवारों को 8 एलएमटी खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा, जो एनएफएसए या राज्य योजना पीडीएस कार्ड के दायरे में नहीं आते हैं। मई और जून महीने के लिए सभी प्रवासियों को मुफ्त में प्रति व्यक्ति 5 किग्रा खाद्यान्न का वितरण किया गया था। राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों ने अभी तक 6.39 एलएमटी खाद्यान्न का उठान किया है। राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों ने लाभार्थियों (मई में 2.40 करोड़ और जून में 2.47 करोड़) को 2,43,092 एमटी खाद्यान्न का वितरण किया है।

भारत सरकार ने 1.96 करोड़ प्रवासी परिवारों के लिए 39,000 एमटी चना दिए जाने को भी स्वीकृति दी है। 8 करोड़ ऐसे प्रवासी कामगार, फंसे लोगों और जरूरतमंद परिवारों को मई और जून महीने के लिए प्रति परिवार 1 किग्रा चना/दाल मुफ्त दी जा रही है, जो एनएफएसए या राज्य योजना पीडीएस कार्ड के अंतर्गत कवर नहीं होते हैं। चना/ दाल का आवंटन राज्यों की जरूरतों के आधार पर किया जा रहा है। राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों को लगभग 33,745 एमटी चना/दाल भेजी जा चुकी है। विभिन्न राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों द्वारा कुल 33,378 एमटी चना का उठान किया जा चुका है। राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों द्वारा कुल 11,678 एमटी चना का वितरण किया जा चुका है।

भारत सरकार इस योजना के अंतर्गत खाद्यान्न के लिए लगभग 3,109 करोड़ रुपये और चना के लिए 280 करोड़ रुपये का 100 प्रतिशत बोझ वहन कर रही है। शेष मुफ्त खाद्यान्न के आत्म निर्भर भारत अभियान के लाभार्थियों को मुफ्त वितरण की अवधि बढ़ाकर 31 अगस्त, 2020 कर दी गई है।

खाद्यान्न खरीद

21.07.2020 तक कुल 389.74 एलएमटी गेहूं (आरएमएस 2020-21) और 751.10 एलएमटी चावल (केएमएस 2019-20) की खरीद हो चुकी है।

एक राष्ट्र, एक राशन कार्डhttp://khariddari.online/2020/07/22/purchase-rakhi-for-brothers/

1 जून, 2020 तक ‘एक राष्ट्र, एक कार्ड’ योजना 20 राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों- आंध्र प्रदेश, बिहार, दमन एवं दीव (दादर नगर हवेली), गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और त्रिपुरा में लागू हो चुकी है। 31 मार्च, 2021 तक सभी शेष राज्य ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना से जुड़ जाएंगे और इस प्रकार यह योजना पूरे भारत में लागू हो जाएगी। ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ के अंतर्गत शेष राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों में योजना का विवरण और स्थिति निम्नलिखित है :-

क्र. सं.राज्यईपीओएस का प्रतिशतराशन कार्डों की आधार सीडिंग(%में)योजना से जुड़ने की अनुमानित तारीख
1अंडमान और निकोबार96%98%1 अगस्त, 2020
2मणिपुर61%83%1 अगस्त, 2020
3नागालैंड96%73%1 अगस्त, 2020
4जम्मू और कश्मीर99%100%1 अगस्त 2020- से कुछ जिलों में योजना लागू हो जाएगी और 1 नवंबर, 2020 से पूरे राज्य में लागू हो जाएगी।
5छत्तीसगढ़98%98%31 अगस्त, 2020
6उत्तराखंड77%95%1 सितंबर, 2020
7तमिलनाडु100%100%1 अक्टूबर, 2020
8लद्दाख100%91%1 अक्टूबर, 2020
9दिल्ली0%100%1 अक्टूबर, 2020
10मेघालय0%1%1 दिसंबर, 2020
11पश्चिम बंगाल96%80%1 जनवरी, 2021
12अरुणाचल प्रदेश1%57%1 जनवरी, 2021
13असम0%0% 
14लक्षद्वीप100%100% (डीबीटी) 
15पुडुचेरी0%100% (डीबीटी)डीबीटी
16चंडीगढ़0%99% (डीबीटी)डीबीटी


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