आदेश के उल्लंघन पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पत्र लिखकर कार्रवाई करने की बात कही
मनीष रंजन की रिपोर्ट
कोरोना संक्रमण काल से गुजर रहे धनबाद में जहाँ अभी तक शिक्षण संस्थानों के बंद रहने से पठन पाठन कार्य आरंभ नहीं हुए हैं वहीं दूसरी ओर कुछ स्कूलों द्वारा सरकार के गाइडलाइन का पालन नहीं करने के लिए धनबाद जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा श्रीमती गिनिया देवी मॉडर्न स्कूल, चिरकुंडा को एक आदेश पत्र भेजा गया है, जिसमें झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा कोरोना वैश्विक महामारी के मद्देनजर 25 जून 2020 को निर्गत ज्ञापांक 1006 का दोषी पाया गया है और विद्यालय के प्राचार्य को बड़े ही सख्त लहजे में आदेश की पूरी तरह से अनुपालन करने की हिदायत दी गई है। ज्ञापांक 1006 के निम्न लिखित बिंदुओं का उल्लेख करते हुए अविलंब अनुपालन करते हुए जल्द से जल्द प्रतिवेदन सौंपने को कहा गया है:-
- शैक्षणिक सत्र 2020-21 हेतु विद्यालय शुल्क में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।
- विद्यालय का पूर्ववत संचालन प्रारंभ होने से पूर्व मात्र शिक्षण शुल्क मासिक दर पर लिया जाएगा।
- किसी भी परिस्थिति में शिक्षण शुल्क जमा नहीं करने के कारण किसी भी छात्र का नामांकन रद्द नहीं किया जायेगा।
- विद्यालय में नामांकित सभी छात्रो को बिना किसी भेदभाव के ऑनलाईन शिक्षण व्यवस्था हेतु आईडी एवं पासवर्ड तथा ऑनलाइन शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने की ज़िम्मेदारी विद्यालय प्रमुख की होगी।
- विद्यालय बंद रहने की अवधि तक किसी भी प्रकार का वार्षिक शुल्क, यातायात शुल्क या अन्य किसी भी प्रकार का शुल्क अभिभावकों से नहीं लिया जाएगा। उक्त से संबंधित शुल्क विद्यालय में पुनः शिक्षण कार्य प्रारंभ होने के पश्चात समानुपातिक आधार पर अभिभावकों से ली जा सकेगी।
- किसी भी परिस्थिति में अभिभावकों से विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा।
- विद्यालय में कार्यरत शिक्षक या शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन आदी में किसी भी प्रकार की कटौती या रोक नहीं लगाई जाएगी।
- विद्यालय प्रबंधन द्वारा शुल्क हेतु कोई नया मद सृजित कर अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव नहीं बनाया जाएगा।
- उपरोक्त निर्देषों का अनुपालन नहीं करने की स्तिथि में संबद्धता हेतु राज्य सरकार द्वारा निर्गत अनापत्ति प्रमाण पत्र रद्द/पुनर्विचार किया जाएगा तथा आवश्यकतानुसार विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी।
जिला शिक्षा पदाधिकारी महोदया ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा है की इस आदेश का दृढ़ता से अनुपालन सुनिश्चित करें अन्यथा आवश्यक कार्यवाही हेतु बाध्य होंगे।
ज्ञातव्य है कि पूर्व में झारखंड अभिभावक संघ की चिरकुंडा शाखा द्वारा एक शिकायत पत्र सौंपा गया था और साथ ही साथ स्कूल मैनेजमेंट का मनमानी पूर्ण, अड़ियल रवैया और आमनविय कृत्य से ग्रसित बच्चो और उनके अभिभावकों की विस्तृत सूची शिक्षा विभाग को सौंपी गयी थी ।
सबसे गंभीर बात यह है कि स्कूल द्वारा फीस नहीं जमा करने को लेकर इन्हे इस क्लास में फेल करने की धमकी दिया जा रहा था और नवमी- ग्यारहवीं के विद्यार्थियों को सीबीएसई में रजिस्ट्रेशन नहीं करने दिया जा रहा था। इससे मॉडर्न स्कूल के सभी बच्चे और उनके माता पिता बहुत ही ज्यादा गुस्से में थे और चरणबद्ध आंदोलन करने की रणनीति बना रहे थे।
इन शिकायतों के आलोक में निरसा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी श्री एस. मरांडी जी 9 अक्टूबर को पूर्व सूचनानुसार जांच हेतु विद्यालय पहुंचे थे, परन्तु उस दिन भी मैनेजमेंट के कोई भी प्रतिनिधि विद्यालय में उपलब्ध नहीं हुए थे।
उसके बाद उन्होंने अपने स्तर से जांच कर प्रतिवेदन जिला में जमा किए थे।
झारखंड अभिभावक संघ के चिरकुंडा अध्यक्ष श्री संतोष सिंह:-
7 सितंबर से विद्यालय द्वारा बुकलेट निर्गत होना था तथा 24 सितंबर से ऑनलाइन परिक्षा हो रही है परन्तु स्कूल प्रबंधन ने अपनी बिज़नेस को ध्यान में रखते हुए आपदा में अवसर बना ली और उन बच्चो के साथ आर्थिक आधार पर भेदभाव करते हुए कई बच्चो को रोक दिया गया और परीक्षा सूचि से उन बच्चो का नाम हटा दिया जिनके अभिभावकों की आर्थिक परिस्थिति अभी भी निम्न से न्यूनतम स्तर पर है। अगर अभी भी विद्यालय प्रबंधन ने सरकार के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया तो संघ आगे और भी विधिसम्मत कार्यवाही हेतु शिकायत करने को प्रतिबद्ध है।
हम ने महीनों पूर्व ही विद्यालय प्रबंधन को छह सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था, जिसपर अभी तक विद्यालय द्वारा कुछ भी सुगबुगाहट नहीं की जा रही है।
आज के इस कोरोना वैश्विक महामारी के समय में मॉडर्न स्कूल मानवता पर सबसे बड़ा खतरा है, जिसने अपनी बिज़नेस को ध्यान में रखते हुए अभिभावकों को जेवर बेचने और चोरी करने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी महोदया द्वारा स्कूल को आदेश देने पर
विश्वास हुआ कि शिक्षा विभाग कार्रवाई कर सकती हैं।
झारखंड अभिभावक संघ के धनबाद जिला अध्यक्ष कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय ने शिक्षा विभाग के द्वारा की गई कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया है।