स्कूलों को खोलने की अनुमति वैक्सीन आने के बाद ही हो को लेकर ट्वीट

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

आज कोरोना जो कोविड-19 के नाम से जाना गया है ने एक बार फिर से पांव पसारना शुर कर दिया है। हालांकि यह ज्यादातर यूरोपीय देशों में अपना प्रभाव दिखा रहा है लेकिन यह हमारे देश में भी घातक साबित हो सकता है क्योंकि हमारे देश की आबादी एवं मौसम एक बहुत बड़ी बाधा है। हमारे देश के लोगों में कोरोना के प्रति लापरवाही नजर आने लगी है। लोगों में सोशल डिसटेंसिंग एवं मास्क लगाने में पूरी तरह से उदासीनता नजर आ रही है । ऐसे में शिक्षण संस्थानों यथा स्कूलों को खोलने के किसी भी प्रकार का निर्णय आत्मघाती साबित हो सकता है।
अभी ताज़ा उदाहरण कोलोराडो विश्वविद्यालय में एक शोध में देखा गया है कि चौबीस बच्चों को बंद कमरे के कक्ष में एक बच्चे के संक्रमित होने पर सभी संक्रमित हो गये। कक्ष को स्वच्छ रखने के लिए कमरे की हवा को छह बार फ्रेश करने की जरूरत है। यह प्रक्रिया हमारे देश में लागू होना संभव नहीं है। इसी को देखते हुए धनबाद के सामाजिक कार्यकर्ता एवं केन्द्रीय उपाध्यक्ष मानव अधिकार अपराध एवं भ्रष्टाचार विरोधी संगठन तथा झारखंड अभिभावक संघ के उपाध्यक्ष कुमार मधुरेन्द सिंह ने राष्ट्रीय बाल सुरक्षा एवं अधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री प्रियंक कानूनगो, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री,मुख्यमंत्री, झारखंड, शिक्षा मंत्री, झारखंड सरकार स्थानीय सांसद श्री पशुपतिनाथ सिंह, धनबाद विधायक श्री राज सिन्हा जी को ट्वीट कर अपील की है कि जब तक वैक्सीन नहीं आता है तब तक स्कूलों को शिक्षण के लिए खोलने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।

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