नगर आयुक्त को पार्किग स्थल एवं ट्रैफिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पत्र

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

किसी भी शहर की खूबसूरती उस शहर के मुलभुत सुविधाओं की उपलब्धता पर निर्भर करती है। जिसमें मुख्य रूप से शहर की लाइफलाईन कही जाने वाली ट्रैफिक व्यवस्था, सुरक्षा एवं बिजली की व्यवस्था महत्वपूर्ण होती है। लेकिन धनबाद शहर जो देश की कोयला राजधानी के रूप में मशहूर है एवं झारखंड राज्य की आर्थिक राजधानी भी है इन सभी सुविधाओं से वंचित है। न शहर में बाजारों में पार्किंग की सुविधा है और न ही ट्रैफिक सुचारू रूप से है। कोई देखने वाला नहीं है।
इसी मुद्दे की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए धनबाद के सामाजिक कार्यकर्ता एवं केन्द्रीय उपाध्यक्ष मानव अधिकार अपराध एवं भ्रष्टाचार विरोधी संगठन के कुमार मधुरेन्द सिंह ने धनबाद के नगर आयुक्त श्री सत्येन्द्र कुमार जी को पत्र लिखकर जानना चाहा है कि आखिर बिल्डिंग एवं माॅल के नक्शे में पार्किंग की सुविधा क्यूँ नहीं दी जाती है जबकि किसी भी व्यवसायिक बिल्डिंग के नक्शे को पारित करने के लिए पार्किग की स्थिति स्पष्ट रूप से व्याखित रहती है। उन्होंने यह भी कहा है कि तीन चार साल पहले नगर आयुक्त के रूप में तेज तर्रार आइएएस श्री रमेश घोलाप जी की पोस्टिंग हुई थी। उन्होंने अपने तरफ से कुछ कड़ा कदम उठाने की कोशिश की थी पर उन्हें राजनीतिक दवाब में स्थानांतरण कर दिया गया। शहर के मार्केट क्षेत्रों में जाम की एक बहुत बड़ी वज़ह सड़कों पर अतिक्रमण एवं बिल्डिंग में अपने व्यवसायियों के लिए भी पार्किग का नहीं होना। पार्किग की जगह को किराये पर दे कर अतिरिक्त आय कमाते हैं। हालांकि वर्तमान नगर आयुक्त ने शहर के दो चौक चौराहे की गोलाई को कम करने के लिए पहल की है तथा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में पार्किंग की व्यवस्था पर अपनी रायशुटमारी दी है पर देखना है कि वो इसमें कितने सफल हो पाते हैं यह आने वाला वक्त बताएगा। कुमार मधुरेन्द सिंह ने इस पत्र की प्रति झारखंड के नगर विकास सचिव को भी दी है।

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