झारखंड में भी तालाबों में अर्घय देने के लिए मुख्यमंत्री से गुजारिश
मनीष रंजन की रिपोर्ट
कोरोना संक्रमण काल से गुजर रहे झारखंड में त्योहारी मौसम में सरकार के द्वारा जारी निर्देशों की जमकर धज्जियां उडायी जा रही है। पूजा पंडालों में भी लोगों की भीड़ देखी गई। सरकार ने भी अपनी तरफ से आवश्यक दिशा निर्देश दिए लेकिन सख्ती नहीं दिखाई। लोगों की मानसिकता है कि जब तक सरकार सख्ती नहीं दिखाती तब तक लोगों को इसके पालन करने में शर्मिंदगी महसूस होती है।
ऐसा ही एक आदेश झारखंड सरकार के द्वारा लोक आस्था का पर्व छठ को लेकर आया है जिसमें उन्होंने नदी, तालाबों में सूर्य को अर्घय देने की मनाही कि गयी है अथार्थ भीड़ करने की मनाही है। बिहार एवं झारखंड के इस पर्व में सैकड़ों, हजारों एवं लाखों की भीड़ होती है। अतः सरकार ने कोरोना संक्रमण के फैलने के डर से सही निर्णय लिया है पर क्या सरकार के निर्देशों का पालन श्रद्धालु करेंगे यह एक अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है। बिहार सरकार ने नदियों में भीड़ जमा कर आयोजन की मनाही है पर तालाबों में मनाही नहीं है। झारखंड सरकार ने नदियों सहित तालाबों में भी छठ करने की मनाही की है।
झारखंड में बिहार की तरह आवश्यक दिशा निर्देशों का पालन करते हुए तालाबों में भी छठ करने की अनुमति देने के लिए धनबाद आजसु पार्टी के नगर अध्यक्ष श्री पप्पू सिंह ने मुख्यमंत्री झारखंड से अपील की है कि लोगों की भावनाओं एवं आस्था को देखते हुए अपने आदेश को संशोधित करते हुए नये आदेश जारी करे एवं कठोरता से आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश दें।