राम रहीम की जोड़ी ने फिर एक लावारिस लाश का वारिस बनकर अंतिम संस्कार किया
मनीष रंजन की रिपोर्ट
लावारिस फिल्म में एक बहुत ही मशहूर गाना था जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों, पर आज एक भिखारी की लाश गैलोर्ड प्लाजा के पीछे बैंक मोड़ थाना अंतर्गत मिली। जिनके परिवार में लोग तो थे पर वो असमर्थ थे दाह संस्कार करने में। ऐसे में धनबाद में राम रहीम के जोड़ी के रूप में मशहूर अजय नारायण लाल एवं सोहराब खान ने खुदा के बंदे के रूप में उपस्थित होकर सारे संस्कार किये। आज सुबह लगभग पचास वर्षीय पुरुष भिखारी की लाश मिली। मृतक का नाम अमीन रवानी था। मृतक अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ भिक्षा मांग कर जीवन गुजर बसर करता था और उसका कोई सगा सम्बन्धी नही था। स्थानीय लोगों और मृतक की पत्नी के शिनाख़्त के बाद शव का पंचनामा बैंक मोड़ थाना द्वारा किया गया। बैंक मोड़ थाना प्रभारी के आग्रह पर अजय नारायण लाल एवं उनके जोड़ीदार सोहराब खान के द्वारा मृतक भिखारी के शव को उसकी धार्मिक पहचान के साथ पूरी रीति रिवाज के साथ मटकुरिया मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया। मृतक के शव को मुखाग्नि मृतक के आठ वर्षीय पुत्र अमन रवानी ने दी।अजय नारायण लाल एवं सोहराब खान की जोड़ी पूरे कोयलांचल में राम-रहीम के नाम से प्रसिद्ध है और दोनो की जोड़ी ने अब तक 172 लावारिस शवों का उसकी धार्मिक पहचान के साथ पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार कर चुके हैं।धनबाद के राम रहीम ने आज फिर एक लावारिस का वारिस बन कर कोरोना काल मे अपनी इंसानियत धर्म को पूरी ईमानदारी से निभाया।