झारखंड अभिभावक महासंघ का प्रतिनिधिमंडल जिला शिक्षा अधीक्षक से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा
मनीष रंजन की रिपोर्ट
देश के कोरोना संक्रमण काल से गुजरते हुए शिक्षण संस्थानों को खोलने की अनुमति धीरे-धीरे मिलते जा रही है। धनबाद में भी 21-12-2020 से स्कूलों को खोलने की अनुमति मिल गई है। ऐसे में अभिभावकों को फीस एवं अन्य मदों में अतिरिक्त शुल्क देने की बातें आ रही है। किसी भी तरह के निर्णय के लिए लोगों के द्वारा विरोध करने की बातें आने लगी हैं।
आज इसी सिलसिले में झारखंड अभिभावक महासंघ के अध्यक्ष श्री पप्पू सिंह की अध्यक्षता में झारखंड अभिभावक महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल जिला शिक्षा अधीक्षक से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा जिसमें कई बातों पर गौर करने की जरूरत है।
- शैक्षणिक सत्र 2020 -2021 में किसी भी प्रकार के शुल्क वृद्धि के पूर्व सीबीएसई के प्रावधानों के तहत शुल्क संरचना,तीन साल का इनकम टैक्स रिटर्न, ऑडिट रिपोर्ट एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज के साथ साथ आधारभूत संरचना को ऑनलाइन के माध्यम से सार्वजनिक करने का आग्रह किया।
- कोरोना काल के कारण अभिभावकों के सामने आर्थिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार के शुल्क बढ़ाने पर रोक लगाने का आग्रह किया।
- शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के तहत शैक्षिक सत्र 2020-2021 में किए गए नामांकन तथा रद्द किए गए आवेदन की जांच कर एक सप्ताह के अंदर सभी दस्तावेज सार्वजनिक करने का आग्रह किया गया।
- सभी निजी विद्यालयों में प्रारंभिक कक्षा में कुल सामर्थ संख्या (बीपीएल + सामान्य + वार्ड कोटा) को सार्वजनिक करने का आग्रह भी किया गया।
झारखंड अभिभावक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री मुकेश पांडे, मनोज कुमार मिश्रा, संतोष कुशवाहा, प्रेम कुमार, राजीव कुमार भट्ट, श्याम मोहन सिंह, उमेश कुमार राम एवं अन्य उपस्थित थे।
महासंघ ने प्रतिवेदन समर्पित करते हुए कहा है कि यदि जिला शिक्षा अधीक्षक के द्वारा एक सप्ताह के अंदर सभी मामलों में जांच कर 30-12-2020 तक सार्वजनिक करने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर धरना-प्रदर्शन कर आंदोलन किया जायेगा ।