तय समय सीमा में किसानों को उपलब्ध कराएं ऋण माफी योजना का लाभ – उपायुक्त

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झारखंड कृषि ऋण माफी योजना की मार्गदर्शिका का विमोचन

तय समय सीमा में किसानों को झारखंड कृषि ऋण माफी योजना का लाभ उपलब्ध कराएं। टीम वर्क और बैंक, वीएलई सहित सभी के सहयोग इसे पूरा करना है। सभी मिलकर और समन्वय स्थापित करके इस योजना को सफलतापूर्वक संपन्न करेंगे और झारखंड में अव्वल स्थान पर रहेंगे।

यह बातें उपायुक्त श्री उमाशंकर सिंह ने आज न्यू टाउन हॉल में झारखंड कृषि ऋण माफी योजना पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में कही।

उपायुक्त ने कहा कि विगत कई वर्षों से राज्य में मॉनसून के अनियमित रहने से किसान भाई सुखाड़, ओलावृष्टि एवं अन्य प्राकृतिक आपदा के शिकार हुए हैं। कम उत्पादन होने से उनकी आय प्रभावित हुई है। वे बकाया फसल ऋण चुकाने में असमर्थ हो रहे हैं जिसके कारण फसल ऋण खाते एनपीए में परिवर्तित हो रहे हैं। बकाया ऋण की राशि नहीं चुकाने के कारण किसान नई फसल ऋण या अन्य ऋण के लिए अयोग्य होते जा रहे हैं। साथ ही उन पर कर्ज का बोझ भी बढ़ रहा है। इसके कारण वे गैर कृषि गतिविधि के लिए राज्य से बाहर पलायन के लिए बाध्य हो रहे हैं। वर्तमान सरकार के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में 29 दिसंबर 2020 को माननीय मुख्यमंत्री झारखंड ने झारखंड कृषि ऋण माफी योजना का शुभारंभ किया है।

उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य झारखंड राज्य के अल्पावधि कृषि ऋण धारक कृषकों को कर्ज के बोझ से राहत देना है। साथ ही फसल ऋण धारक की ऋण पात्रता में सुधार लाना, नए फसल के लिए ऋण प्राप्ति सुनिश्चित करना, किसानों का पलायन रोकना और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना भी है।

उपायुक्त ने कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए किसान स्वघोषित शपथ पत्र में सही जानकारी उपलब्ध कराएं। सभी बैंक सारे डाटा को तुरंत अपलोड करें। अग्रणी जिला प्रबंधक लगातार इसकी निगरानी करें। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को जागरूक करें।

योजना की विशेषताएं

योजना की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि 31 मार्च 2020 तक के मानक फसल ऋणी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। 31 मार्च 2020 तक के मानक फसल ऋण बकाया खातों में ₹50000 तक की बकाया राशि माफ की जाएगी। किसानों को डीबीटी के माध्यम से बकाया ऋण की अदायगी होगी। सारी प्रक्रिया पारदर्शिता से वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन होगी तथा ऑनलाइन माध्यम से आवेदकों की शिकायतों का निवारण होगा।

उन्होंने कहा कि एनआईसी द्वारा तैयार किए गए पोर्टल पर बैंकों के पोर्टल से डाटा हस्तांतरित किए जाएंगे जो पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध रहेंगे। कृषक www.jkrmy.jharkhand.gov.in वेबसाइट पर अपने लोन से संबंधित सूचना प्राप्त कर सकेंगे।

आवेदक अपने निकटतम प्रज्ञा केंद्र या बैंक शाखा में बैंक द्वारा अपलोड किए गए ऋण खाता का ऑनलाइन विवरण देख सकेंगे। यदि वे अपने ऋण विवरण से संतुष्ट होंगे तो वे अपना राशन कार्ड संख्या अपलोड कराएंगे। राशन कार्ड अपलोडिंग के पश्चात लाभुक अपनी ऑनलाइन सहमति भी देंगे तथा ई-केवाईसी एवं बायोमेट्रिक पद्धति से अपने आधार की संपुष्टि करेंगे।

किसान ऐसे करेंगे आवेदन

योजना का लाभ लेने के लिए किसान को अपने आधार कार्ड और राशन कार्ड की कॉपी के साथ प्रज्ञा केंद्र या बैंक शाखा में जाना होगा। योजना पोर्टल पर उनके आधार नंबर का उपयोग करके उनकी बकाया ऋण राशि और अन्य विवरण देखी जाएगी। आवेदक को अपना मोबाइल नंबर और योजना पोर्टल पर अपलोड करने के लिए आधार और राशन कार्ड की कॉपी देनी होगी। बकाया राशि की पुष्टि के बाद ई-केवाईसी के माध्यम से अपने आवेदन को प्रमाणित करना होगा। इसके बाद उनका आवेदन आगे के सत्यापन के लिए योजना पोर्टल पर स्वचालित रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। आवेदन के सफल जमा होने पर टोकन नंबर प्राप्त होगा। आवेदन के लिए आवेदक को टोकन मनी के रूप में ₹1 का भुगतान करना होगा।

योजना के लिए पात्रता

इस योजना का लाभ लेने के लिए रैयत किसान जो अपनी भूमि पर स्वयं खेती करते हैं गैर रैयत किसान जो अन्य रैयतों की भूमि पर कृषि करते हैं। किसानों का झारखंड राज्य का निवासी होना चाहिए। किसान की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और उनके पास वैध आधार नंबर भी होना चाहिए। एक परिवार से एक ही फसल ऋण धारक सदस्य योजना का लाभ ले सकते हैं। आवेदक मान्य राशन कार्ड धारक होने चाहिए तथा मानक अल्पावधि फसल ऋण धारक भी होने चाहिए। फसल ऋण झारखंड में स्थित अहर्ताधारी बैंक से निर्गत होना चाहिए व फसल ऋण खाता होना चाहिए। योजना का लाभ दिवंगत ऋण धारक के परिवार को भी मिलेगा तथा यह योजना सभी फसल ऋण धारक के लिए स्वैच्छिक होगी।

इन्हें नहीं मिलेगा योजना का लाभ

राज्यसभा, लोकसभा, विधानसभा के पूर्व एवं वर्तमान सदस्य, राज्य सरकार के पूर्व या वर्तमान मंत्री, नगर निकायों के वर्तमान अध्यक्ष, जिला परिषद के वर्तमान अध्यक्ष को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

साथ ही केंद्र या राज्य, विभाग एवं इसके क्षेत्रीय इकाई, राज्य सरकार के मंत्रालय, पीएसई एवं संबद्ध कार्यालय, सरकार के अधीन स्वायत्त संस्थाओं के सभी कार्यरत या सेवानिवृत्त पदाधिकारी एवं कर्मी तथा स्थानीय निकायों के नियमित कर्मी को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

सेवानिवृत्त पेंशन धारी जिनका मासिक पेंशन ₹10000 या अधिक है, एसेसमेंट ईयर 2020-21 में आयकर देने वाले सभी व्यक्ति, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं आर्किटेक्ट जो प्रैक्टिस कर रहे हैं, को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

कार्यशाला के समापन से पूर्व उपायुक्त ने झारखंड कृषि ऋण माफी योजना की मार्गदर्शिका का विमोचन किया।

इस अवसर पर उपायुक्त श्री उमा शंकर सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी श्री असीम रंजन एक्का, जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्री भोगेंद्र ठाकुर, सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी श्रीमती सुनीता तुलसियान, अग्रणी जिला प्रबंधक श्री नकुल कुमार साहू, डीडीएम नाबार्ड श्री रवि लोहानी, उप परियोजना निदेशक (आत्मा) श्री निर्मल पांडेय, सीएससी मैनेजर मोहम्मद अंजार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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