पालनी के पालनहार बने गौतम अडानी
मंजिले उनको ही मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता हौंसलों से उड़ान होती है।
सोशल मीडिया पर मदद के लिए किये गये एक ट्वीट को देख कर अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी झारखंड की रहने वाली पालनी कुमारी की मदद के लिए आगे आए हैं. सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली पालनी सिमडेगा की रहने वाली है. पालनी के पिता नहीं हैं, जीवन यापन के लिए पालनी की मां सड़क किनारे चना बेचा करती है. डेढ साल की उम्र से ही पालनी भी मां के साथ सड़क किनारे चना बेचने में मां की मदद करती है. लेकिन उसकी मुफलिसी उसके हौसले के आगे टिक नहीं सकी. तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए पालनी की मां उसे कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ा रही है. पढ़ने में होनहार पालनी पढ़-लिख कर नर्स बनना चाहती है. वो दूसरों की सेवा करना चाहती है. पालनी से यह पूछे जाने पर कि वो नर्स ही क्यों बनना चाहती है डॉक्टर क्यों नहीं तो भोलेपन के साथ पालनी कहती है कि डॉक्टर बनने में बहुत खर्च होता है, और उसकी मां इतना खर्च वहन नहीं कर पाएगी. पालनी की कहानी दुनिया के सामने तब आई जब एक न्यूज चैनल से जुडे पत्रकार ज्ञानेन्द्र तिवारी ने उसे सड़क किनारे चना बेचते देखा. ज्ञानेन्द्र ने सोशल नेटवर्किंग मीडिया पर पालनी की कहानी बताई और मदद की गुहार लगाई. अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने वह ट्वीट देखा तो रिट्वीट करके पालनी की मदद का भरोसा दिया. गौतम अदाणी ने अपने ट्वीटर हैंडल से रिट्वीट करते हुए लिखा- छोटी सी बच्ची और इतने बड़े विचार..! पालनी की शिक्षा की जिम्मेदारी उठाना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी। यही बेटियाँ नए और सशक्त भारत की उम्मीद हैं, इन्हें बेहतर कल मिले ये हम सबकी जिम्मेदारी है।
गौतम अदाणी की ट्वीट के बाद उनकी ओर से न सिर्फ पालनी के घरवालों से संपर्क किया गया बल्कि उन्हें आर्थिक मदद की पेशकश की गई. पालनी की मां ने बताया कि वो बस अपनी बच्ची को पढ़ा-लिखा कर उसकी जिंदगी संवारना चाहती है. पालनी की मां ने मदद की बात पर बस इतना कहा कि उसे बेटी को ट्यूशन के लिए प्रतिमाह पांच सौ रुपये की दरकार है. बहरहाल अदाणी फाउंडेशन की चेयरमैन प्रीति अदाणी का हाथ पालनी और उसकी मां के लिए पालनहार बन कर आया है. फाउंडेशन की ओर से पालनी के बैंक अकाउंट में प्रतिमाह आर्थिक मदद के लिए रुपये भेजने का भरोसा दिया गया है. ताकि न सिर्फ पालनी की पढ़ाई बेहतर तरीके से जारी रहे बल्कि उसक स्वास्थ्य और बेहतर खान पान की भी व्यवस्था हो सके. पालनी और उसकी मां बेहद खुश हैं. गौतम अदाणी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए पालनी की मां कहती हैं मुझे यकीन है कि अब उसकी बेटी अपने सपनों को साकार कर पायेगी.