कोरोना के लक्षण आने के बाद भी घर में इलाज कराने वाले का नहीं बच पाता है जीवन – उपायुक्त
होम आइसोलेशन में रहकर दवा नहीं लेने वालों की भी होती है अचानक तबीयत खराब
खांसी, बुखार, सर दर्द, छाती में दर्द, ऑक्सिजन लेवल का कम होना साबित हो सकता है घातक
बिना रिपोर्ट के भी अस्पताल करेंगे भर्ती
आयुष्मान और अविष्कार डायग्नोस्टिक सेंटर में करा सकेंगे एक्स-रे चेस्ट एवं सीटी चेस्ट
एसएनएमएमसीएच का प्रशासनिक नियंत्रण जिला प्रशासन के अधीन
ऑक्सीजन की नहीं होने देंगे कमी
पिछले दिनों वैश्विक महामारी की दूसरी लहर की चपेट में आकर संक्रमितों की हुई मौत का आकलन कर इसका स्पष्ट कारण बताते हुए उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद, श्री उमा शंकर सिंह ने आज संध्या ऑनलाइन प्रेस वार्ता कर मीडिया के माध्यम से जनता के लिए संदेश देते हुए एवं अपील करते हुए कहा कि खांसी, बुखार, सर दर्द, छाती में दर्द, ऑक्सिजन लेवल का अचानक 90 तक गिरना जैसे कोरोना के लक्षण होने पर शीघ्र अपना टेस्ट कराएं एवं संक्रमित होने पर उपचार के लिए अस्पताल में इलाज कराएं।
उपायुक्त ने कहा वैश्विक महामारी की दूसरी लहर में नया वायरस सीधे फेफड़ों को 2 दिन में संक्रमित कर देता है जबकि पिछले वर्ष वायरस को फेफड़ों तक पहुंचने में लगभग 10 दिनों का समय लग जाता था।
मरीजों की मृत्यु पर दुःख प्रकट करते हुए उन्होंने कहा अधिकतर मरीजों की मृत्यु अंतिम समय में अस्पताल पहुंचने के कारण हुई है। यदि मरीज समय रहते अस्पतालों में भर्ती हो जाते तो यह प्रबल संभावना थी कि उपचार करके उन्हें स्वस्थ कर देते। आकलन में यह उजागर हुआ है कि बिना सूचना के होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों ने न किसी चिकित्सक से संपर्क किया, न ही दवाओं का सेवन किया। जब तबीयत अधिक खराब हुई तब वे अस्पतालों तक पहुंचे, जहां लाख प्रयास के बाद भी उनको जीवनदान नहीं मिल सका।
लोगों से अपील करते हुए उपायुक्त ने कहा कि किसी भी कीमत पर कोरोनावायरस के लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। अस्पताल में एडमिट हो। जिला प्रशासन उनका बेहतर उपचार करके उन्हें स्वस्थ कर देगा।
45 वर्ष से कम उम्र के लोगों को मिलने वाली होम आइसोलेशन की सुविधा पर उपायुक्त ने कहा कि इसके लिए मरीज में हल्के लक्षण होने चाहिए। घर में रहने के लिए एक अलग एवं हवादार कमरा, अटैच बाथरूम, मरीज की देखभाल के लिए एक केयरटेकर का होना आवश्यक है।
बिना रिपोर्ट के भी अस्पताल करेंगे भर्ती
उपायुक्त ने कहा कि अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि कोई भी मरीज कोरोनावायरस जैसे लक्षण लेकर अस्पताल आता है और उनके पास कोरोनावायरस की रिपोर्ट नहीं है, तो भी उन्हें अस्पताल में एडमिट करना है।
आयुष्मान और अविष्कार डायग्नोस्टिक सेंटर में करा सकेंगे एक्स-रे चेस्ट एवं सीटी चेस्ट
उपायुक्त ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए आज से जिले के दो डायग्नोस्टिक सेंटर में एक्स-रे चेस्ट एवं सीट चेस्ट की सुविधा शुरू कर दी गई है। एक्स-रे चेस्ट एवं सीटी चेस्ट के लिए अविष्कार डायग्नोस्टिक सेंटर तथा आयुष्मान डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर को डेडीकेटेड डायग्नोस्टिक सेंटर के रूप में अधिसूचित किया गया है।
एसएनएमएमसीएच का प्रशासनिक नियंत्रण जिला प्रशासन के अधीन
ऑनलाइन प्रेस वार्ता में उपायुक्त ने बताया कि शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) का प्रशासनिक नियंत्रण अगले आदेश तक जिला प्रशासन धनबाद के अधीन रहेगा। अस्पताल की व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से एडीएम लॉ एंड ऑर्डर श्री चंदन कुमार अगले आदेश तक के लिए इसके प्रशासनिक नोडल पदाधिकारी रहेंगे। वे एसएनएमएमसीएच के प्राचार्य एवं अधीक्षक के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कॉविड 19 के संक्रमण को रोकने एवं चिकित्सा कार्य को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बेहतर व्यवस्था एवं कार्य योजना तैयार करेंगे।
ऑक्सीजन की नहीं होने देंगे कमी
उपायुक्त ने कहा कि वैश्विक महामारी की दूसरी लहर में संक्रमितों को ऑक्सीजन सपोर्ट देना पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने दुर्गापुर, गोविंदपुर एवं बोकारो के एजेंसी के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिलिंग की बात की है। जिला प्रशासन कृतसंकल्प है कि ऑक्सीजन की कमी नहीं होने देंगे। आवश्यकता पड़ने पर ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना भी जिले में करेंगे।