एएनओ, एमएनओ को कमियों को दूर कर व्यवस्था में सुधार करने का निर्देश
पीजी ब्लॉक एसएनएमएमसीएच
उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद, श्री उमा शंकर सिंह ने पीजी ब्लॉक एसएनएमएमसीएच के प्रशासनिक नोडल पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता श्री श्याम नारायण राम, मेडिकल नोडल पदाधिकारी डॉ डीपी भूषण एवं डॉ गणेश को अस्पताल में व्यापक सुधार करने एवं निरीक्षण के क्रम में मिली कमियों को शीघ्र दूर करने का निर्देश दिया है। साथ ही कड़ी टिप्पणी करते हुए निर्देश दिया है कि निर्देश का शत-प्रतिशत पालन नहीं होने पर आपदा प्रबंधन प्राधिकार एएनओ व एमएनओ के विरुद्ध सख्त अनुशासनिक एवं कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा।
दरअसल उपरोक्त अस्पताल के निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने पाया कि वहां मरीज को एडमिट कराने एवं उनके परिजन को अटेंड करने के लिए काउंटर पर न तो चिकित्सक और न ही पर्यवेक्षक या पारा मेडिकल स्टाफ उपस्थित थे। स्वयं उपायुक्त के हस्तक्षेप के बाद मरीज के अस्पताल में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हुई।
उपायुक्त ने बताया कि वहां पर अंतरिम डॉक्टर भी उपस्थित नहीं थे जो एक गंभीर विषय है। उक्त डॉक्टर के विरुद्ध भी कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा निरीक्षण के क्रम में यह भी प्रकाश में आया कि पारा मेडिकल स्टाफ द्वारा समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर का रिप्लेसमेंट तथा नियमित अंतराल पर मरीज के वाइटल्स की जांच नहीं की जाती है। जबकि प्रशासनिक एवं मेडिकल नोडल पदाधिकारी का यह दायित्व है कि ऑन ड्यूटी अंतरिम डॉक्टर तथा पारा मेडिकल स्टाफ द्वारा कोविड ट्रिटमेंट प्रोटोकॉल के अनुसार मरीज का उपचार हो और उसकी सतत निगरानी रखी जाए।
उपायुक्त ने कहा कि निरीक्षण में यह बात भी उभर कर सामने आई कि वहां पर एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए मानव बल में अनुशासन की घोर कमी हैै। वहां के मरीजों को समय पर टेलीमेडिसिन से परामर्श के लिए उपस्थित नहीं कराया जाता है। अस्पताल के एएनओ एवं एमएनओ द्वारा आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा सप्लाई किए जाने वाले सामान की समीक्षा भी नहीं की जाती है।
उपायुक्त ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि पीजी ब्लॉक एसएनएमएमसीएच के एएनओ एवं एमएनओ को पूर्व में भी मिली कमियों को दूर करने का निर्देश दिया था। परंतु आपदा की घड़ी में उन्होंने वरीय पदाधिकारियों के निर्देश को गंभीरता से लेना आवश्यक नहीं समझा।
इसलिए अंतिम रूप से उन्हें स्मारित करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया है कि उपरोक्त कर्मियों को अविलंब दूर करें और वहां की व्यवस्था में तत्काल प्रभाव से सुधार लाए अन्यथा उनके विरुद्ध सख्त अनुशासनिक एवं कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।