बाल संरक्षण आयोग के द्वारा जारी निर्देश के बाद वार्षिक फीस नहीं लेने के आदेश से अभिभावकों को राहत

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

झारखंड के निजी विधालयों द्वारा मासिक फीस के अलावे अन्य तरह की फीस को लेने को लेकर झारखंड अभिभावक महासंघ के नेतृत्व में धनबाद बोकारो ,जमशेदपुर, हजारीबाग, रांची, गिरिडीह सहित झारखंड प्रदेश के कई जिलों के अभिभावक लगातार विरोध दर्ज करा रहे थे। इस क्रम में बाल अधिकार संरक्षण आयोग,नई दिल्ली के आदेश के उपरांत राज्य सरकार द्वारा दिनांक 9 जून 2020 को झारखंड अभिभावक महासंघ के विभिन्न जिलों के प्रतिनिधियों तथा स्कूल प्रबंधकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर अपने कार्यालय पत्रांक 1006 दिनांक 25 जून 2020 के द्वारा आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि विद्यालय के सामान्य स्थिति होने तक केवल शिक्षण शुल्क मासिक दर पर लेना है। यदि किसी कारण से मासिक शुल्क देने में भी सक्षम नहीं हो पाते हैं तो ना तो ऑनलाइन पढाई के लिए सामान रोकना है ना ही ऑनलाइन क्लासेस पर रोक लगानी है और न ही किसी प्रकार से शिक्षा को बाधित करना है।

आज के जारी आदेश के बारे में झारखंड अभिभावक महासंघ के अध्यक्ष श्री पप्पू सिंह ने बताया कि जिले के सभी विद्यालयों के द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 में केवल शिक्षण शुल्क मासिक रूप से लिया गया, परंतु 2021-22 सत्र में डीएवी सीएमसी के अधीनस्थ संचालित सभी विद्यालयों के अतिरिक्त कुछ अन्य विद्यालयों के द्वारा पिछले सत्र का शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त अन्य शुल्क जमा करने के लिए भी बाध्य किया जाने लगा । साथ ही शैक्षणिक सत्र 2021-22 में भी शिक्षण शुल्क सहित अन्य शुल्क जमा करने के लिए भी निर्देश जारी किया।

इसके पश्चात झारखंड अभिभावक महासंघ के द्वारा जिले के 14 विद्यालय जिसमें से 11 विद्यालय डीएवी सीएमसी के अंतर्गत संचालित हो रहे हैं के साथ-साथ बोकारो, रांची, जमशेदपुर के कई विद्यालयों के विरूद्ध शिकायत की गई। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली के द्वारा धनबाद और बोकारो के अभिभावक महासंघ के शिकायत के आलोक में सचिव, शिक्षा विभाग, झारखंड सरकार को पत्र जारी करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है।

इसके पश्चात डीएवी ,सीएमसी ,नई दिल्ली के द्वारा अपने अधीनस्थ संचालित सभी विद्यालयों के प्राचार्य एवं प्रबंधकों को पत्र जारी करते हुए राज्य सरकार के आदेश के आलोक में शुल्क लेने का निर्देश दिया गया है। साथ ही स्पष्ट किया गया है कि सरकार के आदेश के आलोक में किसी भी प्रकार का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। झारखंड अभिभावक महासंघ के अध्यक्ष श्री पप्पू सिंह ने बताया कि डीएवी,सीएमसी द्वारा निर्गत आदेश निश्चित रूप से झारखंड के अभिभावकों की बड़ी जीत है।

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