नया बाजार फ्लाईओवर की जर्जर अवस्था कभी भी भयानक हादसे का रूप ले सकती है

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

कोयला राजधानी के रूप में मशहूर धनबाद शहर की लाइफलाईन कही जाने वाली सड़क पर गया पुल के नाम से मशहूर फ्लाईओवर अब शायद अंतिम सांस लेने के कगार पर है। स्थानीय जन प्रतिनिधियों के तरफ से कभी भी इस फ्लाईओवर के दोहरीकरण के लिए मन ही नहीं दिया है। शहर के इस पार और उस पार को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर बना फ्लाईओवर पर पानी के पाइपलाइन का भी लोड दे दिया गया है। इस पुल के रखरखाव को लेकर सिर्फ खानापूर्ती के नाम पर इसे ऊपर ऊपर ही लीपा पोती कर चमका दिया जाता है।
पिछले साल से धनबाद के सामाजिक कार्यकर्ता एवं केन्द्रीय उपाध्यक्ष मानव अधिकार अपराध एवं भ्रष्टाचार विरोधी संगठन के कुमार मधुरेन्द सिंह ने इस फ्लाईओवर के मरम्मत एवं रखरखाव के लिए केन्द्रीय मंत्रियों एवं झारखंड के अधिकारियों से भी वार्ता कर चुके हैं। सोशल मीडिया पर भी लगातार सक्रिय रह कर ध्यान आकृष्ट करने का काम किया है। उन्होंने उस फ्लाईओवर के निर्माण वर्ष 1962-63 के जमीन को भी सार्वजनिक किया है जब धनबाद बंगाल का हिस्सा होते हुए मानभूम जिले के अंतर्गत आता था। उन्होंने उस नक्शे को लेकर अनंत सोच लाइव से कहा कि अगर यह पुल उस समय का बना हुआ है और इस पर कभी भी सरकार ने आधार से मजबूती के लिए नहीं सोचा है। यह चिंता का विषय है। जरूरत है कि इसके आधार को नया आधार देते हुए इसकी ठोस मरम्मतिकरण एवं दोहरीकरण का मार्ग प्रशस्त किया जाये अन्यथा धनबाद की लाइफलाईन कही जाने वाली सड़क पुल कभी भी भयानक हादसे का रूप ले लेगा।

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