बीसीसीएल के द्वारा करकेंद क्षेत्र को खाली करने के आदेश को लेकर लोगों में आजीविका को लेकर डर

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

देश की कोयला राजधानी के रूप में मशहूर धनबाद जो पूरे देश के पावर प्लांटों में कोयले की आपूर्ति कर वहां के शहरों को रौशनी प्रदान कर वहां के लोगों को जीवन देता है पर वही धनबाद अपने लोगों को भूमिगत आग की वजह से वहां के लोगों को विस्थापित करने का आदेश दिया है। कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई बीसीसीएल ने धनबाद की लाइफलाईन कही जाने वाली सड़क धनबाद बोकारो रांची एन एच 32 के करकेंद क्षेत्र को जल्द से जल्द खाली करने का आदेश जारी कर दिया है।

इस आदेश को लेकर करकेंद क्षेत्र के लोगों में डर समा गया है। लोगों को अपनी रोजी-रोटी को लेकर चिंता सताने लगी है। इस बाबत को लेकर झारखंड इंडस्ट्रीज ट्रेड एसोसिएशन के सचिव एवं धनबाद जिला थोक वस्त्र विक्रेता संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री उमेश हेलिवाल ने अनंत सोच लाइव को बताया कि एन एच 32 मुख्य मार्ग धनबाद रांची के निकट बसा करकेंद बाजार जो लगभग एक 150 साल पहले से बसा यह बाजार जहाँ 125 से भी ज्यादा थोक कपड़ा व्यवसाई पूरे झारखंड में रिटेल दुकानदारों को कपड़े की सप्लाई करते हैं। जिससे सरकार को लाखों रुपया राजस्व के रूप में आता है। करकेंद क्षेत्र धनबाद नगर निगम के अंतर्गत आता है जिससे सरकार को लाखों रूपये राजस्व के रूप में भी मिलते हैं। इस क्षेत्र के महत्व का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीसीसीएल के द्वारा असुरक्षित क्षेत्र घोषित हो जाने के बावजूद यहाँ छह बैंक हैं जहाँ करोड़ों का कारोबार होता है। व्यवसाय मंडी होने के चलते यहां हजारों बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध रहता है। यहां हजारों की संख्या में पक्के मकानों एवं बिल्डिंग्स में सभी सुविधाओं के साथ लोग निवास करते हैं। श्री उमेश हेलिवाल ने कहा कि समय-समय पर झारखंड सरकार, सांसद एवं विधायक मद से एवं निगम के द्वारा भी इस क्षेत्र में विकास कार्य किए जा रहे हैं।
झारखंड प्रदेश में करकेंद बाजार का अपना एक अलग महत्व रहा है। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड द्वारा बिना पुनर्वास योजना धरातल पर लाए अपील नोटिस का जारी करना दर्शाता है कि हम ब्रिटिश काल मैं जीवन जी रहे हैं। उन्होंने सरकार सहित बीसीसीएल से मांग की है कि पूर्णवास योजना धरातल पर लाया जाए एवं सभी लोगों को उचित तरीके से बसाये बगैर लोगों को विस्थापित करने का डर ना पैदा करें।

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