री एडमिशन फी को लेकर शिकायत पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिक्षा सचिव को ईमेल किया
मनीष रंजन की रिपोर्ट
निजी स्कूलों के द्वारा सरकार के आदेशों का उल्लंघन करना आम बात हो गयी है। अधिकांश अभिभावक ऐसे में विरोध नहीं करते हैं और संचालक की बातों को मानते हुए उन्हें मनमानी करने की छुट हो जाती है। लेकिन कुछ अभिभावक बातों को उचित प्लेटफार्म पर पहुंचाने की कोशिश करते हैं। इसी सिलसिले में धनबाद के सामाजिक कार्यकर्ता एवं केन्द्रीय उपाध्यक्ष मानव अधिकार अपराध एवं भ्रष्टाचार विरोधी संगठन एवं झारखंड अभिभावक महासंघ के उपाध्यक्ष कुमार मधुरेन्द सिंह ने धनबाद के लडकियों के सबसे प्रतिष्ठित स्कूल कार्मेल स्कूल के द्वारा सरकार के आदेश के उल्लंघन को लेकर कार्मेल स्कूल की प्राचार्या को पत्र लिखकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का जिक्र किया था। यह केस उनकी अपनी बेटी का ही था जिसमें एक ही स्कूल के बच्चे के दसवीं के बाद ग्यारहवीं में नामांकन में री एडमिशन फीस लेने को लेकर था।
उन्होंने इसकी प्रति अध्यक्ष,बाल अधिकार संरक्षण आयोग, अपर सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड, धनबाद उपायुक्त, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला शिक्षा अधिकारी एवं महासचिव, झारखंड अभिभावक महासंघ को संज्ञान में लेने के लिए दी थी।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पत्र को संज्ञान में लेकर झारखंड राज्य के शिक्षा एवं साक्षरता सचिव को तत्काल इस विषय पर ईमेल कर संज्ञान लेने कहा है। इस निर्णय से सभी अभिभावकों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।