झारखंड अभिभावक संघ ने जूम एप पर स्कूली फरमान से परेशान अभिभावकों के साथ चर्चा की
मनीष रंजन की रिपोर्ट
कोरोना काल में देश में स्कूल संचालको की वजह से अभिभावकों की परेशानी को लेकर झारखंड अभिभावक संघ की वर्चुअल बैठक जूम एप के माध्यम से झारखंड अध्यक्ष श्री अजय राय की अध्यक्षता में हुई जिसमें कई राज्यों से अभिभावक संघ सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ साथ सैकड़ो अभिभावक शामिल हुए। धनबाद के जिला अध्यक्ष कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय ने बताया कि आज की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
-पिछले साल निकाले गए विभागीय पत्रांक 1006 दिनांक 25/06/2020 का शत-प्रतिशत अनुपालन सत्र 2021-22 में भी सुनिश्चित हो ।
-शुल्क के अभाव में छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित ना करे ।
-सम्बद्धता प्राप्त निजी विद्यालयों की मनमर्जी पर नकेल कसे और विद्यालय स्तरीय पारदर्शी शिक्षण शुल्क समिति का गठन सुनिश्चित हो।
- झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को पूर्णतया पारदर्शी तरीके से लागू हो
-शिक्षण के अनुपात में ही शिक्षण शुल्क का निर्धारण करने, पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन हो ।
-निजी विद्यालयों की पिछले पांच साल के ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा राज्य सरकार करे जो स्कूल सरप्लस में है वहां विभिन्न मदों में लिए जाने वाले शुल्क पर रोक लगे और जिन स्कूलों के आर्थिक हालात खराब है उन्हें राहत पैकेज दे ।
- स्कूलों में चलने वाली बसों के टैक्स ,इंश्योरेंस माफ करने को लेकर कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित करे राज्य सरकार।
-स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक , शिक्षकेतर कर्मचारियों का वेतन पूर्व की तरह सुनिश्चित हो।
बैठक में उपरोक्त सातों मुद्दों को चर्चा के उपरांत सर्वसम्मति से पास किया गया।
यह बैठक दोपहर 1 :00 बजे से शुरु होकर 3:30 बजे तक चली।
बैठक में कई सुझाव आये साथ ही झारखण्ड अभिभावक संघ की ओर से गत 01 जुलाई से 07 जुलाई तक चलाये गए आंदोलन सात वार सात गुहार की समीक्षा भी की गई।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा की प्राइवेट स्कूलों का मनमानापन पुरे देश में चरमा अवस्था पर है और इसके लिए हर राज्य से आवाज उठनी चाहिए तभी हम राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक प्रमुखता से अपनी आवाज रख सकते है।
आज जरुरत है भारत के अंदर वन नेशन – वन एजुकेशन – वन बोर्ड की । उसी के अनुपात में सरकार शुल्क तय करे तभी इन स्कूलों के मनमानीपन से निजात मिल सकती है।
इस अवसर पर आये सुझाव को देखते हुए श्री अजय राय ने बताया की अभिभावकों की ओर से आये तमाम सुझावों व चर्चा के उपरांत सातो मुद्दों को देखते हुए कल आन्दोलन के तीसरे चरण की घोषणा की जाएगी।
उन्होंने बताया की राज्य सरकार के एजेंडा में “शिक्षा का महत्व”नहीं दिखाई देता और ना ही यहाँ के लाखों अभिभावकों की पीड़ा। उनके इस कार्यप्रणाली से राज्य की जनता काफी निराश है। श्री अजय राय ने कहा की राज्य सरकार कोरोना महामारी में कई घोषणा तो कर रही है पर उसे स्कूलों के बंद होने का कारण जानने की भी फुर्सत नहीं है और न ही स्कूलों से लुटते अभिभावकों को देखने की फुर्सत।
इस अवसर पर झारखण्ड हाईकोर्ट के अधिवक्ता श्री रोहित सिंह ने कई अहम् जानकारी अभिभावकों को दी और कहा की अभिभावकों की इस लड़ाई में वो हमेशा सहयोग के लिए तैयार हैं ।
आज के कार्यक्रम में धनबाद जिलाअध्यक्ष कैप्टन सहाय के साथ अधिवक्ता श्री दिनेश कांत वर्मा, श्री उमेश प्रसाद चिरकुन्डा से श्री प्रमोद रंजन सहित अन्य अभिभावक शामिल हुए और अपने विचारों को रखा