दुकान एवं गोदाम को हटाने को लेकर एवं मालिकाना हक को लेकर नगर आयुक्त को पत्र तथा ईमेल
मनीष रंजन की रिपोर्ट
देश की कोयला राजधानी, धनबाद शहर के विस्तारीकरण इस बात को दर्शाता है कि शहर के कई जगहों पर पेट्रोल पंप का आवंटन किया जा रहा है पर सुरक्षा को ताक पर रखकर। ऐसे ही एक पेट्रोल पंप का आवंटन शक्ति मंदिर के निकट किया गया है जो कोयला खदान के नजदीक है।इस विषय को लेकर पनबाद के सामाजिक कार्यकर्ता एवं लोकहक मानव सेवा संगठन के उपाध्यक्ष एवं विभिन्न संगठन के कुमार मधुरेंद्र सिंह ने धनबाद के नगर आयुक्त को पत्र लिखकर उस जमीन पर चल रहे विवाद को सुलझा कर वास्तविक व्यक्ति को दुकान एवं गोदाम आवंटन किया जाये।उन्होने कहा कि श्री अनिल भगत एवं वहां के व्यापारी और अन्य जनमानस ने अवगत कराया है कि वो सब करीब 25 वर्ष से वहां गोदाम या अन्य व्यापार करते आ रहे हैं। उन्होने कहा कि पच्चीस साल पहले कोई डाक्टर स्वर्गीय गौतम एवं उनके पुत्री का उस जमीन से संबंध रहा है पर कुछ वर्षों से एक नये दावेदार आ गये हैं। वहां से पांच सौ मीटर पर खदान है जहां नीचे आग भी है। उस जगह पर पेट्रोल पंप के लिए आदेश देने का दावा करने कोयले का और घनी आबादी एवं एक पंप में मात्र आधे किलोमीटर की दुरी और अन्य कारोबारी को उजाड़ कर कारोबार करना न्याय पुर्ण नहीं है। इस संबंध में कारोबार का निगम या पुर्व के माडा का लाईसेंस होना ट्रेड को दर्शाता है कि वो पुराने कारोबारी है। कुमार मधुरेंद्र सिंह ने नगर आयुक्त से आग्रह किया है कि सभी बिंदुओं पर जमीन से संबंधित सीओ कार्यालय या और भी अन्य कार्यालय से जांच कराकर ही उस पेट्रोल पंप को जो खुलने वाला है उसको कोई लाईसेंस या अन्य एन ओ सी प्रदान करें क्योंकि वहां व्यापार करने वाले पुर्व से व्यापार कर रहे हैं। रेवेन्यू का भी उन पुराने व्यापारी से आज तक मिलना सबूत है कि वो वहां व्यापार कर रहे हैं और निगम के कोष में धन संग्रह हो रहा है।
उन्होने इस पत्र की प्रति मुख्यमंत्री ,झारखंड, केंद्रीय अध्यक्ष, झामुमो व्यापार प्रकोष्ठ, जिला चैंबर अध्यक्ष,धनबाद, अध्यक्ष/ सचिव, पुराना बाजार चैंबर,अध्यक्ष, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन, धनबाद एवं श्री अनिल भगत को भी दी है।