बाल श्रम कानून का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध तीन साल में की गई कार्रवाई का विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश

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प्लेस ऑफ सेफ्टी निर्माण करने के लिए प्रस्तुत करे लीगल फ्रेमवर्क

श्रम विभाग द्वारा बाल श्रम कानून का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध पिछले तीन साल में की गई कार्रवाई का विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश उपायुक्त ने श्रम विभाग को दिया है। साथ ही प्लेस ऑफ सेफ्टी का निर्माण करने के लिए लीगल फ्रेमवर्क भी तैयार करने का निर्देश दिया है।

उपायुक्त ने उपरोक्त निर्देश आज जिला बाल संरक्षण समिति, चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड की बैठक में दिया।

उन्होंने कहा कि श्रम विभाग शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों सहित, विशेषकर, राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होटल, ढाबा, गेराज का औचक निरीक्षण करें। इन जगहों पर बाल श्रमिकों के पाए जाने की प्रबल संभावना रहती है।

बैठक में संप्रेषण गृह की स्थिति पर चर्चा की गई। वैसे बाल अपराधी जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो गई है, को प्लेस ऑफ सेफ्टी में रखने के लिए उसके निर्माण का लीगल फ्रेमवर्क तैयार करने का भी निर्देश दिया गया।

बैठक में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि जिले में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत 8 संस्थाएं पंजीकृत है। चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के माध्यम से यहां बच्चे आते हैं। साथ ही बताया कि धनबाद में एक बालिका गृह है जबकि बालगृह का होना भी आवश्यक है।

धनबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर रेलवे द्वारा संचालित रेलवे चाइल्डलाइन (मंथन) के प्रतिनिधि ने उपायुक्त को बताया कि वहां एक रूम की अत्यंत आवश्यकता है। इसके लिए उपायुक्त ने आवेदन देने को कहा।

बैठक में कोविड-19 के दौरान स्कूल बंद होने के बावजूद 2 साल की फीस मांगने, फीस नहीं जमा करने पर ट्रांसफर सर्टिफिकेट नहीं देने तथा पोस्को एक्ट को लेकर पुलिस के साथ समन्वय में आ रही परेशानियों पर चर्चा की गई।

बैठक में उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, जिला परिषद अध्यक्ष, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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