इलेक्ट्रिक वाहनों, इनकी असेंबली (पुर्जे जोड़ना)/सब-असेंबली व सब-असेंबली के पुर्जों/उप-पुर्जों/इनपुटों के स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम को अधिसूचित किया गया

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भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों, इनकी असेंबली (पुर्जों को जोड़ना)/सब-असेंबली और सब-असेंबली के पुर्जों/छोटे पुर्जों/इनपुट्स के स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) को अधिसूचित किया है। पीएमपी के तहत समय के साथ स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक श्रेणीबद्ध कर (ड्यूटी) संरचना की परिकल्पना की गई है।

इलेक्ट्रिक/हाइब्रिड (एक्सईवी) पुर्जों के लिए एक अन्य पीएमपी, फेम चरण- II के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए एक्सईवी पुर्जों के स्वदेशीकरण की प्रभावी तिथि को परिभाषित करता है।

चूंकि ऑटोमोबिल एक उदारीकृत क्षेत्र है और इस क्षेत्र में ऑटोमेटिक रूट से शतप्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति है, इसे देखते हुए भारी उद्योग मंत्रालय के लिए उन इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों, जिनकी प्रति चार्ज 80 किलोमीटर से कम की न्यूनतम सीमा है, उनकी कुल हिस्सेदारी से संबंधित डेटा की देखरेख करना अनिवार्य नहीं है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के प्रदर्शन और दक्षता को बढ़ाने को लेकर सरकार ने फेम इंडिया योजना चरण- II के तहत मांग प्रोत्साहन के संबंध में पात्र होने के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए प्रति चार्ज 80 किलोमीटर की न्यूनतम सीमा अधिसूचित की है।

फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण के तहत पहली अप्रैल, 2019 से पहली फरवरी, 2022 तक 827 करोड़ रुपये (लगभग) की मांग प्रोत्साहन राशि के जरिए 2.31 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सहायता प्रदान की गई है।

यह जानकारी भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है।

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