पर्यावरण क्लीयरेंस प्रमाण पत्र नहीं देने से झारखंड के लाल ईंट उद्योग बंद होने के कगार पर

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

झारखंड राज्य के लाल ईट उद्योग से जुड़े लोगों को झारखंड सरकार की पर्यावरण क्लीयरेंस नीतियों की जटिलता की वजह से कोयलांचल धनबाद समेत सुबे के प्रत्येक जिले में संचालित 2500 लाल ईंट उद्योग पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। सैकड़ों ईट भट्टों को पर्यावरण क्लीयरेंस समय पर नहीं मिल पाने के कारण ईंट निर्माताओं को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिसकी वजह से अब इन उद्योगों को बंद करने का निर्णय लिया गया है ।
2022- 23 में ईट भट्ठा व्यवसाई चिमनी में फायर नहीं करेंगे। यह जानकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री अनंत नाथ सिंह ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता के माध्यम से मीडिया को दी।उन्होंने बताया कि पर्यावरण क्लीयरेंस प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए तमाम ईट निर्माताओं ने आवेदन कर रखा है लेकिन उन्हें EC प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। इसके अलावा ईट भट्ठा उद्योगों को सरकारी फ्लोर रेट पर कोयले का आवंटन नहीं किया जाता है जिसकी वजह से बिचौलियों के माध्यम से कोयला खरीदना पड़ता है और इससे उनके उत्पाद महंगे हो जाते हैं । उन्होंने कहा कि सरकार अगर बिहार एवं कई अन्य राज्यों की तरह झारखंड सरकार को पर्यावरण क्लीयरेंस से ईट भट्ठा उद्योग को छूट देनी चाहिए अन्यथा इस साल ईट का उत्पादन पूरी तरह से ठप हो जायेगा।

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