कोल मंत्रालय के श्रमिक यूनियन की बैठकों को लेकर कुमार मधुरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

कोल कर्मचारी यूनियनों की बैठक हमेशा विभिन्न जगहों यानि बडे शहरों में होती है जिसमें यूनियन, सरकारी उपक्रम के द्वारा बैठक आयोजित करने में लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं जिसमें रहना, खाना, हवाई यात्रा के खर्च तथा अन्य मदों पर खर्च शामिल होते हैं। बैठक में होने वाले एजेंडे को लेकर सभी अधिकारी, यूनियन के पदाधिकारियों एवं संलग्न लोगों को अपना होम वर्क करने से उसी बैठक में निर्णय संभव होने की स्थिति होती है तो फिर उन्ही बातों को लेकर दुबारा बैठक करने की गुंजाइश नहीं होगी। परिणामस्वरूप सरकार का खर्च भी नहीं होगा जिससे आमजन के पैसे की फिजूलखर्ची भी नहीं होगी। सरकार को अपने पैसे की फिजूलखर्ची रोकने के लिए धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पत्र लिखकर ईमेल किया है जिसमें उन्होंने कोल मंत्रालय के सभी अनुषंगी इकाईयों के प्रबंध निदेशकों से इस तरह की बैठकों में निर्णय लेकर उस बैठक की महत्ता को बरकरार रखने की अपील की है। इससे न की सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि देश एवं संयंत्र के पैसे की भी बचत होगी।

उन्होंने पत्र की प्रति केंद्रीय कोयला मंत्री तथा कोल इंडिया की सभी अनुषंगी इकाईयों के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक को इस पर संज्ञान लेने के लिए दी है।

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