धनबाद की ट्रैफिक व्यवस्था एवं स्कूली वैन एवं बसों में जीपीएस लगाने को लेकर जिला परिवहन पदाधिकारी को पत्र तथा ईमेल

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मनीष रंजन की रिपोर्ट
देश की कोयला राजधानी होने के बावजूद धनबाद देश का अपने आप में अनोखा शहर होगा जहां की शहरी आबादी बारह लाख से ऊपर होने के बावजूद न यहां सुचारू ट्रैफिक संचालन के लिए ट्रैफिक सिग्नल है और न ही लोगों को वृहत रूप से कोई मैनेजमेंट है। है भी तो सिर्फ कागजों पर ही, और कभी खानापूर्ति के लिए ड्राइव चला दिया जाता है। औधोगिक नगरी होने से स्कूलों की संख्या भी बहुत हैं। स्कूलों के बच्चों को ले जाने वाली बसों एवं वैन में क्षमता से ज्यादा बच्चों को ले जाने एवं बच्चों की सुरक्षा के प्रति उनकी जिम्मेवारी को भी दरकिनार करने की बातें रोजाना होती है। शहर में लोगों की सुरक्षा के लिए कैमरे तो लगाये गये हैं पर विभागों के बीच आपसी समन्वय की कमी की वजह से लोगों को अपेक्षित कुछ नहीं मिलता। शहर के ऐसे ज्वलंत मुद्दे को धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह लगातार उठाया करते हैं और इसमें वह लोगों के मुद्दे के निराकरण में सफल भी होते हैं जिससे आमजन उनकी तरफ भी देखने लगे हैं। आज उन्होंने धनबाद की ट्रैफिक व्यवस्था एवं बच्चों की सुरक्षा को लेकर धनबाद के जिला परिवहन पदाधिकारी को पत्र लिखकर ईमेल किया है। उन्होंने सभी स्कूलों में चलने वाली बसों एवं वैन में जीपीएस लगाने के लिए धनबाद प्रशासन से अपील की है ताकि उद्दंड किस्म के चालकों पर नियंत्रण रखा जा सके।
उन्होंने पत्र की प्रति धनबाद के उपायुक्त तथा आरक्षी उपाधीक्षक, ट्रैफिक को तत्काल कदम उठाने के लिए दी है।

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